16 Rajasthan ke Andolan

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1 राजस्थान के आन्दोलन (Rajasthan ke Andolan)

राजस्थान के आन्दोलन (Rajasthan ke Andolan)

राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan :- पिछली बार हमने 1857 की क्रान्ति का अध्यायन किया था । आज हम राजस्थान में स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए चर रहे प्रयास के माध्यम से उत्पन्न राजस्थान के आन्दोलन के बारे में आज पढ़ेगे । राजस्थान के आन्दोलन की सूची में बिजौलिया किसान आन्दोलन, बैंगू किसान आन्दोलन, नीमूचाना किसान आन्दोलन, अलवर किसान अन्दोलन, मेव किसान अन्दोलन, बूंदी किसान अन्दोलन, बरड़ किसान अन्दोलन, डाबी काण्ड आदि प्रमुख है । राजस्थान के आन्दोलन (Rajasthan ke Andolan) को विस्तार से पढ़ते है ।

बिजौलिया किसान आन्दोलन (Bijoliya Kishan Andolan)

• बिजौलिया किसान आन्दोलन भीलवाड़ा में हुआ ।
• बिजौलिया को ऊपरमाल भी कहते है ।
• ऊपरमाल ठिकाने की स्थापना अशोक परमार ने की थी ।
• अशोक परमार जगनेर भरतपुर का जागीरदार था ।
• वर्तमान में जगनेर उत्तरप्रदेश में है ।
• यह राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan में से एक है ।
• अशोक परमा राणा सांगा की तरफ से खानवा के युद्ध में भाग लिया ।
• राणा सांगा ने खुश होकर अशोक परमार को ऊपरमाल की जागीरी दी ।
• ऊपरमाल में सदरमुकाम विजयपाली था, जिसे वर्तमान में बिजौलिया कहा जाता है ।
• बिजौलिया में घाकड़ जाति के किसान थे ।
• 1894 में बिजौलिया का ठिकानेदारी कृष्ण सिंह बना ।
• कृष्ण सिंह के समय 84 प्रकार के कर लगाये गये ।
• एक विशेष कर ‘लाटा कुता’ कर प्रचलित था ।
• बिजौलिया किसान आन्दोलन 1897 में साधु सीताराम दास के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ ।
• गंगाराम धाकड़ के मृत्यु भोज में गिरधारीपुरा गाँव में सभी किसान एकत्रित हुए ।
• साथ सीताराम दास ने नानक जी पटेल और ठाकरी पटेल को कृष्णसिंह की शिकायत करने के लिए मेवाड़ के शासक फतेह सिंह के पास भेजा ।
• 1903 में चर्म से ने ‘चवरी कर’ लगाया ।
• चवरी कर का अर्थ ‘पुत्री के विवाह पर 5 रू का शुल्क’ देना ।
• 1906 में कृष्णसिंह की मृत्यु के पश्चात पृथ्वीसिंह बिजोलिया का ठिकानेदार बना ।
• पृथ्वीसिंह ने 1906 में तलवार बधाई कर लगाया ।
• 1916 में विजयसिंह पथिक बिजौलिया किसान अन्दोलन से जुड़ा था ।
• विजयसिंह पथिक वास्तविक नाम भूपसिंह था ।
• विजयसिंह बुलन्दशहर (U.P.) का निवासी था ।
• 1917 में विजयसिंह ने ऊपरमाल पंचबोर्ड की स्थापना की ।
• ऊपरमाल पंचबोर्ड का सरपंच मन्ना पटेल को बनाया ।
• विजय सिंह ने बिजौलिया किसान अन्दोलन को प्रसिद्ध करने के लिए इसका लेख प्रताप समाचार पत्र में लिखाया ।
• प्रताप समाचार पत्र कानपुर (U.P) से गणेश शंकर विद्यार्थी प्रकाशित करता था ।
• अप्रैल 1919 में बिन्दू लाल भट्टाचार्य आयोग ने बिजौलिया किसान आन्दोलन की जाँच की ।
• 1922 में राजस्थान के A.G.G हॉलैण्ड ने इस अन्दोलन की जाँच की ।
• 1927 में विजयसिंह पथिक बिजौलिया किसान अन्दोलन से हट गये ।
• 1927 में विजयसिंह पथिक बिजौलिया किसान अन्दोलन से हटने के बाद इसका नेतृत्व जमनालाल बजाज, हरिभाऊ उपाध्याय, रामनारायण चौधरी और माणिक्य लाल वर्मा ने किया ।
• बिजौलिया किसान अन्दोलन का अन्त 1941 में माणिक्य लाल वर्मा और मेवाड़ के प्रधानमंत्री सर टी विजय राघवाचार्य के मध्य हुये समझौते से हुआ ।
• सर टी॰ विजय राघवाचार्य ने मोहन सिंह मेहता को बिजौलिया किसान अन्दोलन की जाँच के लिए भेजा ।
• 44 साल तक चलने वाला भारत का सबसे लम्बा किसान आन्दोलन ‘बिजौलिया किसान अन्दोलन’ था ।
• भारत का प्रथम संगठित किसान आन्दोलन था ।
• भारत का प्रथम अहिंसात्मक किसान आन्दोलन था ।
• बिजौलिया किसान अन्दोलन अर्थात् अहिंसात्मक किसान अन्दोलन का समर्थन महात्मा गाँधी ने नागपुर अधिवेशन (1920) में किया ।
• प्रथम किसान आन्दोलन मेवाड़ रियासत में शुरू हुआ ।
• बिजौलिया किसान अन्दोलन भारत के सभी किसान अन्दोलनों का जनक है ।
• राजस्थान में किसान आन्दोलन का जनक साधु सीताराम दास है ।
• बिजौलिया किसान अन्दोलन संदेशवाहक का कार्य तुलसी भील ने किया ।
• भारत में किसान आन्दोलन जनक विजयसिंह पथिक को कहते है ।

बैंगू किसान आन्दोलन (Begu Kishan Andolan)

• बैंगू किसान आन्दोलन 1921 में चित्तौड़गढ़ में रामनारायण चौधरी के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ ।
• बैंगू किसान आन्दोलन राजस्थान सेवा संघ के प्रयासों से प्रारम्भ हुआ ।
• बेंगु का ठिकानेदार अनुपसिंह व रामनारायण के मध्य समझौता हुआ जिसको फतेहसिंह ने बोल्शेविक की संज्ञा दी ।
• मेनाल नामक स्थान बैंगू किसान आन्दोलन प्रारम्भ हुआ ।
• फतेहसिंह ने बैंगू किसान आन्दोलन की जाँच के लिए ट्रेच आयोग का गठन किया ।
• ट्रेच ने 13 जुलाई 1923 को गोलियाँ चलाई । जिसमें रूपाणी और कृपा जी शहीद हुए ।
• यह राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan में से एक है ।

नीमूचाना किसान आन्दोलन (Nimuchana Kishan Andolan)

• नीमूचाना किसान आन्दोलन बानसूर तहसील (अलवर) में प्रारम्भ हुआ ।
• अलवर के शासक जयसिंह ने लाग बाग बढ़ा दी थी ।
• नीमूचाना किसान आन्दोलन जयसिंह की मृत्यु पेरिस में हुई ।
• 14 मई 1925 को नीमूचाना नामक स्थान पर लगभग 800 किसानों की सभा हुई ।
• छजु सिंह ने नीमूचाना पर गोलियाँ चलाई तथा बहुत से किसान मारे गये ।
• छजु सिंह को ‘राजस्थान का जनरल डायर’ कहते है ।
• महात्मा गाँधी ने नीमूचाना हत्याकाण्ड की तुलना जलियावाला बाग हत्याकाण्ड से की तथा इसे ‘दोहरी डायर शाही’ कहा ।
• रामनारायण चौधरी ने इस हत्याकाण्ड को नीमूचाना हत्याकाण्ड की संज्ञा दी ।
• सीतादेवी ने नीमूचाना किसान आन्दोनल में महिलाओं का नेतृत्व किया ।
• यह राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan में से एक है ।

अलवर किसान अन्दोलन (Alwar Kishan Andolan)

• अलवर किसान अन्दोलन 1921 में प्रारम्भ हुआ ।
• अलवर किसान अन्दोलन का कारण सुअर था ।
• यह राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan में से एक है ।

मेव किसान अन्दोलन (Mev Kishan Andolan)

• मेव किसान अन्दोलन 1921 में अलवर में चौधरी यासीन खाँ और मोहम्मद अली के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ । बाद में मेव किसान अन्दोलन ने साम्प्रदिक दंगो का रूप धारण कर लिया ।
• यह राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan में से एक है ।

बूंदी किसान अन्दोलन (Bundi Kishan Andolan)

• बूंदी किसान अन्दोलन 1926 में प्रारम्भ हुआ ।
• बूंदी किसान अन्दोलन का नेतृत्व पण्डित नयनू राम शर्मा ने किया ।
• यह राजस्थान के आन्दोलन/Rajasthan ke Andolan में से एक है ।

बरड़ किसान अन्दोलन (Bard Kishan Andolan)

• बरड़ किसान अन्दोलन बूंदी में 1922 में भंवर लाल सोनी के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ ।

डाबी काण्ड (Dabi Kand)

• बूंदी में 2 अप्रैल 1923 को डाबी काण्ड हुआ ।
• डाबी काण्ड में इकाराम हुसैन ने गोलियाँ चलाई ।
• डाबी काण्ड में नानक जी भील और देवीलाल गुर्जर झंडा गीत गाते हुए शहीद हुए ।
• माणिक्य लाल वर्मा ने नानक जी भील की याद में अर्जी शीर्षक से गीत गाया । जो क्रान्तिकारियों का प्रेरणा स्त्रोत बना ।

तौल किसान अन्दोलन (Tol Kishan Andolan)

• तौल किसान अन्दोलन मारवाड़ में 1920-21 में हुआ ।
• तौल किसान अन्दोलन का नेतृत्व चाँदमल सुराणा ने किया ।
• 100 तोलों के एक सेर के स्थान पर 80 तोलों का एक सेर करने के कारण हुआ ।

दूधवा खास किसान आन्दोलन (dudhva Kishan Andolan)

• दूधवा खास किसान आन्दोलन 1945-46 में बीकानेर रियासत में हुआ ।
• वर्तमान में दूधवा खास स्थान चुरू में है ।
• दूधवा खास किसान आन्दोलन हनुमान सिंह के नेतृत्व में हुआ ।
• हनुमान सिंह की 65 दिन की भुख हड़ताल के पश्चात् मृत्यु हो गई है ।

प्रथम महिला सम्मेलन (Pratham Mahila Andolan)

• प्रथम महिला सम्मेलन कटरायल में (सीकर) 25 अप्रैल 1934 को किशोरी देवी के नेतृत्व में है ।
• प्रथम महिला सम्मेलन में भाषण उतमा देवी ने दिया ।
• प्रथम महिला सम्मेलन में लगभग 10 हजार जाट महिलाओं के भाग लिया ।

रेल हड़ताल (Rail Hartal)

• रेल हड़ताल अजमेर में 15 अगस्त 1941 को हुआ ।
• रेल हड़ताल का नेतृत्व ज्वाला प्रसाद ने किया ।

कुन्दन गाँव हत्याकाण्ड (Kundan Ganv Hatyakand)

• कुन्दन गाँव हत्याकाण्ड 1934 में सीकर में हुआ ।
• कुन्दन गाँव हत्याकाण्ड में वी॰ टी॰ वैब ने गोलियाँ चलाई ।
• कुन्दन गाँव हत्याकाण्ड की चर्चा ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में हुई ।

डाबडा काण्ड (Dabda Kand)

• डाबडा काण्ड डीडवाना (नागौर) में 13 मार्च 1947 को हुआ ।
• डाबडा काण्ड में चुन्नीराम, पन्नाराम, रूधाराम, रामुराम, नन्दाराम शहीद हुए ।
• प्रतिवर्ष 13 मार्च को डाबडा डीडवाना (नागौर) में शहीद मेला भी लगता है ।

सहस्त्र क्रांति (Sahsra Kranti)

• सहस्र क्रांति 21 फरवरी 1915 को हुई ।
• रासबिहारी बोस ने राजस्थान में सहस्त्र क्रान्ति का नेतृत्व गोपाल लाल खरवा और विजय सिंह पथिक को सौपा ।
• सहस्त्र क्रान्ति असफल हो गई थी ।

हार्डिग्ज बम काण्ड (Hardigja Bam Kand)

• हार्डिग्ज बम काण्ड 23 दिसम्बर 1912 को (दिल्ली में) हुआ ।
• हार्डिग्ज बम काण्ड में जोरावर सिंह ने बम फेंका ।

लसाडिया (लसोडिया) आन्दोलन [Lasadiya Andolan]

• लसाडिया (लसोडिया) आन्दोलन संत मावजी के नेतृत्व में डुंगरपुर, बांसवाड़ा में प्रारम्भ हुआ ।

जाट आन्दोलन (Jat Andolan)

• जाट आन्दोलन 22 जून 1880 को मातृकुण्डिया गाँव राश्मी तहसील चितौड़गढ़ में हुआ ।

पुनावाड़ा काण्ड (Punawada Kand)

• पुनावाड़ा काण्ड मई 1947 में डुंगरपुर रियासत में हुआ ।
• पुनावाड़ा पाठशाला के शिक्षक शिवराम भील को बेरहमी से पीटा गया यही पुनावाडा काण्ड है ।

रास्तापाल काण्ड (Rastapal Kand)

• रास्तापाल काण्ड 19 जून 1947 डुंगरपुर में हुआ ।
• डुंगरपुर में रास्तापाल पाठशाला के शिक्षक नानाभाई खाट को अंग्रेज सैनिकों ने मार दिया ।
• रास्तापाल पाठशाला के शिक्षक सँगाभाई को ट्रक से बांधकर पसीटा गया तो कालीबाई ने रस्सी काट दी ।
• अंग्रेजो ने कालीबाई को गोली चला कर मार डाला ।
• कालीबाई और नानाभाई खाट की मूर्ति गेब सागर पार्क में लगी हुई है ।

डोगरा काण्ड (Dogra Kand)

• डोगरा काण्ड 1935 में अजमेर में हुआ ।
• ज्वाला प्रसाद ने पुलिस अधिक्षक PN डोगरी पर गोलियों चलाई ।

मेयो कॉलेज बम काण्ड (Meyo Collage Bum Kand)

• मेयो कॉलेज बम काण्ड 1934 में ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु व फतेह चन्द के नेतृत्व में अजमेर में हुआ ।

भगत आन्दोलन (Bahgat Andolan)

• भगत आन्दोलन का सम्बंध भीलो से है ।
• भगत आन्दोलन एक आदिवासी आन्दोलन था ।
• भगत आन्दोलन गुरु गोविन्द गिरी ने चलाया था ।
• गोविन्द गिरी का जन्म बासिया गाँव डुंगरपुर में हुआ ।
• गोविन्द गिरी ने भगत आन्दोलन की सफलता के लिए सम्प सभा की स्थापना 1883 में सिरोही में की ।
• सम्प सभा का प्रथम अधिवेशन 1903 से मानगढ़ पहाड़ी पर (बांसवाडा) में हुआ ।
• जब 17 नवम्बर 1913 को सम्प सभा का अधिवेशन मानगढ़ पहाड़ी पर हो रहा था तो अंग्रेज सैनिकों ने गोलियाँ चलाई और लगभग 1500 भील मारे गये । इस हत्याकाण्ड को भारत का दूसरा जलियावाला बाग हत्याकाण्ड कहते है ।

एकी आन्दोलन (Eki Andolan)

• एकी आन्दोलन 1921 में मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ ।
• एकी आन्दोलन को ‘गोमट भील आन्दोलन’ भी कहते हैं ।
• मोतीलाल तेजावत को ‘आदिवासियों का बावजी’ तथा ‘आदिवासियों का मसीहा’ कहते हैं ।
• एकी आन्दोलन एक आदिवासी आन्दोलन था ।
• मोतीलाल तेजावत ने 21 सूत्रीय मांग रखी, जिसे ‘मेवाड़ की पुकार’ कहते है ।
• एकी आन्दोलन मातृकुण्डीया गाँव रासमी तहसील चितौडगढ़ से प्रारम्भ हुआ ।
• 7 मार्च 1922 को मेवाड़ भील कौर सैनिकों ने गोलियाँ चलाई, जिसमें 1200 भील मारे गए । जिसे ‘निमड़ा काण्ड’ कहते है ।
• मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में भीलों ने ना ही हाकीम ना ही हुकुम का नारा दिया ।

मीणा आन्दोलन (Meena Andolan)

• मीणा आन्दोलन (Mina Andolan)1924 में हुआ ।
• 1924 में अंग्रेजो ने मीणाओं पर क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट लगाया ।
• ‘क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट’ कानून के तहत 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को नजदीकी थाने में जाकर उपस्थिति देना अनिवार्य था ।
• 1930 में मीणाओं पर जयपुर में जयराम पेशा कानून लगा ।
• 1933 में मीणा महासभा का गठन किया ।
• 1944 में मीणाओं का विशाल सम्मेलन नीम का थाना, सीकर में हुआ, जिसकी अध्यक्षता मुनि मगन सागर ने की ।
• इस सम्मेलन में मीणा सुधार समिति का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष पण्डित बंशीधर शर्मा को बनाया गया ।
• 28 अक्टूम्बर 1946 में मीणाओं का सम्मेलन बागावास (जयपुर) में हुआ, जिसमें मीणाओ ने अपनी 26 स्वेच्छा से चौकीदारी से इस्तीफा दिया और इस दिन मुक्ति दिवस मनाया ।
• 1952 में मीणाओं पर से ये सारे काले कानून हटा दिये गये ।
• इस आन्दोलन का नेतृत्व ठक्कर बप्पा ने किया ।
• चोरी का सामान न मिलने पर विशेष क्षेत्र के लोगो से दादरसी कर वसूला जाता है ।

बीकानेर षड्यंत्र (Bikaner Shadyantra)

• बीकानेर षड्यंत्र जब बीकानेर का शासक गंगासिंह द्वितीय गोलमेच सम्मेलन में भाग लेने गया तो चांदमल बहड़ ने बिकानेर दिकदर्शन नामक पुस्तक छपवाई तथा उसका लन्दन व बीकानेर में वितरण किया ।
• इससे गंगासिंह का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपमान हुआ और गंगासिंह ने चान्दमल बहुड तथा इसके साथियों को एक झूठे केस में जेल में डाल दिया ।

मारवाड़ आन्दोलन (Marvad Andolan)

• मारवाड़ आन्दोलन (Marwad Aandolan)1923 में हुआ ।

शेखावाटी का जकात आन्दोलन (Shekhawati ka Jakat Andolan)

• शेखावाटी का जकात आन्दोलन 1939 में हुआ ।

जयसिंह पुरा काण्ड (Jaysinghpura Kand)

• जयसिंह पुरा काण्ड 1934 में हुआ ।

बीकानेर किसान आन्दोलन (Bikaner kishan Andolan)

• बीकानेर किसान आन्दोलन 1946 में कुम्भाराम के नेतृत्व में हुआ ।

शुद्धि आन्दोलन (Shuddhi Andolan)

• शुद्धि आन्दोलन 1928 में कृष्ण सिंह के नेतृत्व में भरतपुर में हुआ ।

सीकर किसान आन्दोलन (Sikar Kishan Andolan)

• सीकर किसान आन्दोलन 1922 में हुआ ।

करौली किसान आन्दोलन (Karoli Kishan Andolan)

• करौली किसान आन्दोलन 1927 में कुंवर मदन सिंह के नेतृत्व में हुआ ।

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