18.2 Taragarh Fort । तारागढ़ दुर्ग

तारागढ़ दुर्ग (Taragarh Fort Ajmer)

• तारागढ़ दुर्ग (Taragarh Durga) अजमेर में है ।
• तारागढ़ दुर्ग (Taragarh Durga) एक गिरी दुर्ग है ।
• तारागढ़ दुर्ग का निर्माण अजयराज ने 1113 में करवाया ।
• तारागढ़ दुर्ग को ‘अरावली का अरमान’ कहते है ।
• तारागढ़ दुर्ग बीठड़ी पहाड़ी पर बना है, इसलिए इसे गढ़बिठडी भी कहते है ।
• कुछ विद्वानों के अनुसार शाहजहाँ के सामन्त बीठल दास ने तारागढ़ दुर्ग का जिर्णोद्वार करवाया, इसलिए इसे गढ़बिठड़ी कहते है ।
• तारागढ़ दुर्ग की मरम्मत मेवाड़ के राजकुमार पृथ्वीराज सिसोदिया ने करवाई, जिसे ‘उडना राजकुमार’ कहते है ।
• पृथ्वीराज ने अपनी पत्नी के नाम पर गढ़बिठड़ी दुर्ग का नाम तारागढ़ रखा ।
• विशव ने गढ़बिठड़ी दुर्ग को ‘पूर्व का जिब्राल्टर’ कहा है ।
• गढ़बिठड़ी दुर्ग में घोडे की मजार स्थित है ।
• गढ़बिठड़ी दुर्ग में मीर साहब की दरगाह स्थित है ।
• मीर साहब तारागढ़ दुर्ग का प्रथम गवर्नर था, जिसका पूरा नाम मीर सैय्यद हुसैन खिंगसवार है ।
• गढ़बिठड़ी दुर्ग में ‘नाना जी का झालरा’ स्थित है ।
• सर्वाधिक स्थानीय आक्रमण गढ़बिठड़ी दुर्ग पर हुए ।
• दाराशिको ने गढ़बिठड़ी दुर्ग में शरण ली थी ।
• गढ़बिठड़ी दुर्ग में ‘रूठी रानी का महल’ स्थित है ।

तारागढ़ दुर्ग (Taragarh Fort Bundi)

• तारागढ़ दुर्ग (Taragarh Durga) बूंदी में है ।
• तारागढ़ दुर्ग गिरी दुर्ग है ।
• तारागढ़ दुर्ग की आकृति तारे के समान है ।
• तारागढ़ दुर्ग का निर्माण 1354 में बरसिंह ने किया ।
• उम्मेद सिंह ने तारागढ़ दुर्ग (Taragarh Durga) में चित्रशाला (रंगविलास) का निर्माण करवाया ।
• कर्नल जेम्स टॉर्ड ने यहाँ के राजप्रसाद को सभी राजवाड़ों के राजप्रसाद से सर्वश्रेष्ठ बताया है ।
• विदेशी विद्वान किपलिंग तारागढ़ दुर्ग में बने हुए सुख महल में ठहरा ।
• तारागढ़ दुर्ग के बारे में किपलिंग ने कहा है कि ये दुर्ग भूतप्रेतों द्वारा बनाया गया है । इस दुर्ग को ‘तिलस्मी किला’ कहते है ।
• मेवाड़ के शासक राणा लाखा ने तारागढ़ दुर्ग के प्रतिक के रूप में एक मिट्टी का गढ़ दुर्ग बनाया और जीता ।
• इस मिट्टी के तारागढ़ दुर्ग की रक्षा हाड़ा कुम्भा करता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ ।
• इस दुर्ग में गर्भ गुंजन सोप रखी है ।

बसंतगढ़ दुर्ग

• बसंतगढ़ दुर्ग का निर्माण कुम्भा ने सिरोही में करवाया था ।

नीमराणा दुर्ग

• नीमराणा दुर्ग अलवर में है ।
• नीमराणा दुर्ग को पंचमहल भी कहते हैं ।

टॉटगढ़ दुर्ग

• टॉटगढ़ दुर्ग अजमेर में कर्नल जेम्स टॉर्ड ने निर्माण करवाया था ।
• टॉटगढ़ दुर्ग को बोराडवाला भी कहते है ।

पोकरण का किला

• पोकरण का किला जैसलमेर में मालदेव ने निर्माण करवाया था ।
• मालदेव ने पोकरण के किले का निर्माण ‘सातलेश्वर दुर्ग’ ढहा कर करवाया ।

दौसा का किला

• दौसा का किला का आकार सुप या छाजला के समान है ।
• दौसा का किला कछवाह शासकों की प्रारम्भिक राजधानी थी ।
• दौसा का किला निर्माण बड़गुर्जरों ने करवाया था ।

कुचामन का किला

• कुचामन का किला नागौर में जालिम सिंह ने निर्माण करवाया था ।
• कुचामन का किला भी ‘जागारी किलो का सिरमौर’ कहलाता है ।

सज्जनगढ़ दुर्ग

• सज्जनगढ़ दुर्ग उदयपुर में है ।
• सज्जनगढ़ दुर्ग का सज्जनसिंह ने निर्माण करवाया ।
• सज्जनगढ़ दुर्ग को ‘उदयपुर की मुकुटमणि’ भी कहते है ।
• सज्जनगढ़ दुर्ग के बारे में कहा भी है कि सज्जनगढ़ की हवा, सो रोगों की दवा ।

अचलगढ़ दुर्ग

• अचलगढ़ दुर्ग सिरोही में गिरी दुर्ग है ।
• अचलगढ़ दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था ।
• अचलगढ़ दुर्ग में सावन भादो झील स्थित है ।
• कुम्भा व उदा की मुर्ति अचलगढ़ दुर्ग में स्थित है ।
• अचलगढ़ दुर्ग में मदाकिनी कुण्ड है ।
• अचलगढ़ दुर्ग पर आक्रमण महमुद बेगड़ा ने किया और कई हिन्दू देवी देवताओं की मूर्ति तोड़ी, तब मधुमक्खियों में उसे काट खाया । अब इस स्थान को भवरास्थल के नाम से जाना जाता है ।

बनेड़ा दुर्ग

• बनेड़ा दुर्ग भीलवाड़ा में है ।
• बनेड़ा दुर्ग ऐसा दुर्ग है, जो निर्माण से आज तक अपने मूल स्वरूप में है ।

मेडता दुर्ग

• मेडता दुर्ग नागौर में है ।
• मेडता दुर्ग का निर्माण मालदेव ने करवाया ।

केहरी गढ़

• केहरी गढ़ में है ।
• केहरी गढ़ के आंतरिक भाग को जीरक्खा कहते है ।

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