13 Rajasthan ki Prachin Sabhyata

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2 13. राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ

Rajasthan ki Prachin Sabhyata

Rajasthan ki Prachin Sabhyata (राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ) :- कल हमने अध्ययन किया था Rajasthan Ki Devi (राजस्थान की लोक देवियों) के बारे में और आज का अध्याय है Rajasthan ki Prachin Sabhyata (राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ) ।

13. राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ

• राजस्थान में सभ्यताओं के बारे में सर्वप्रथम “आरेल स्टाइल” ने बताया ।

कालीबंगा सभ्यता

• कालीबंगा सभ्यता हनुमानगढ घग्घर (सरस्वती) नदी के किनारे है ।
• कालीबंगा सभ्यता का अर्थ- काले रंग की चुडियाँ ।
• कालीबंगा सभ्यता की खोज अमलानन्द घोष ने 1951-52 में की थी ।
• स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में पहली बार कालीबंगा सभ्यता की खोज हुई ।
• कालीबंगा सभ्यता के उत्खनन 1961-62 में बी॰ वी॰ लाल (ब्रजवासी लाल) ने किया तथा दूसरी बार बी॰ के॰ थापर (बालकृष्ण थापर) ने किया ।
• राजस्थान की सबसे प्राचीन व निर्धन सभ्यता कालीबंगा सभ्यता है ।
• कालीबंगा सभ्यता से हमें हड़प्पाकालीन एवं पूर्व हड़प्पाकालीन सभ्यताओं के अवशेष मिले है ।
• कालीबंगा सभ्यता से हमें आप ऐतिहासिक कालीन सभ्यताओं की जानकारी मिलती है । (लिखी हुई सामग्री मिली है, लेकिन पढ़ा नहीं जा सकता है ।)
• कालीबंगा सभ्यता से सैंधवकालीन सभ्यता के अवशेष मिले है ।
• कालीबंगा सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता है ।
• कालीबंगा सभ्यता की खुदाई तीन स्तरों में की गई ।
• कालीबंगा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता है ।
• कालीबंगा सभ्यता से प्रथम बार नगर निगम की जानकारी मिली ।
• कालीबंगा सभ्यता के मकान ईंटो से बने हुए थे ।
• विश्व में केवल नक्कासीवार ईंटें कालीबंगा सभ्यता से मिली है ।
• कालीबंगा सभ्यता की सड़के समकोण पर काटती है तथा यह पद्धति अक्षफोर्ड पद्धति,जाल, ग्रेड पद्धति है ।
• कालीबंगा सभ्यता के लोग शांति प्रिय थे ।
• विश्व में लकड़ी से निर्मित नाली केवल कालीबंगा सभ्यता से मिली ।
• विश्व में पहली बार भूकम्प की जानकारी कालीबंगा सभ्यता से मिली ।
• कालीबंगा सभ्यता मात्रातात्मक सभ्यता थी ।
• कालीबंगा सभ्यता में परिवार एकल होता था ।
• कालीबंगा सभ्यता से एक महिला अंकित मुद्रा मिली, जो कुमार देवी की थी एवं उस्तर मिला ।
• कालीबंगा सभ्यता से चूल्हा मिला, जो वर्तमान तन्दुरी चूल्हे के समान था ।
• कालीबंगा सभ्यता से ऊँट पालने वाले की जानकारी मिली ।
• विश्व में जुड़े हुए खेत के प्रमाण केवल कालीबंगा सभ्यता मिले है ।
• कालीबंगा सभ्यता से गेहूँ कपास व सरसों की खेती की जाती थी एवं गेहूँ व जौ की संयुक्त खेती की जाती थी ।
• कालीबंगा सभ्यता से एक खिलौना बकरी की आकृति का मिला है ।
• कालीबंगा सभ्यता से हमें बाघ के बारे में जानकारी मिली ।
• कालीबंगा सभ्यता से 7 हवन कुण्ड, अग्नि वेदिकाएँ व यक्ष वेदिकाएँ मिली ।
• कालीबंगा सभ्यता से मन्दिरों के अवशेष नहीं मिले ।
• कालीबंगा सभ्यता की लिपी दाँये से बाँये लिखी जाती थी ।
• कालीबंगा सभ्यता पाकिस्तान की कोटदीजी सभ्यता के समान थी ।
• रेडियो कार्बन पद्धति (Cia) से कालीबंगा सभ्यता का काल 2300 से 1700 ई॰पू॰ तक माना जाता है ।
• कालीबंगा सभ्यता से एक बच्चे की खोपड़ी मिली, जिसमें हाइड्रोस्पोसिस रोग पाया गया है ।
• शल्य चिकित्सा के बारे में कालीबंगा सभ्यता से पहली बार जानकारी मिली ।
• कालीबंगा सभ्यता से युग्म समाधियाँ मिली ।
• कालीबंगा सभ्यता से मुद्राएँ खडिया मिट्टी से बनी हुई मिली ।

आहड़ सभ्यता

• आहड़ सभ्यता आयड़ / बेड़च नदी के किनारे आहड़ सभ्यता मिली ।
• आहड़ सभ्यता को बनास संस्कृति भी कहते है ।
• आहड़ सभ्यता का प्राचीन नाम ताम्र नगरी था ।
• आहड़ सभ्यता का स्थानीय नाम ‘घुलकोट (अर्थ- रेत का टीले)’ तथा अन्य नाम ‘आधारपुर, व ‘आघाटपुर’है ।
• आहड़ सभ्यता की खोज ‘अक्षय कीर्ति व्यास’ 1953 में किया ।
• आहड़ सभ्यता की उत्खनन कार्य H.D. साखलिया (हंसमुख धीरजदाल) तथा R.C. अग्रवाल (रतन चन्द्र) ने किये ।
• आहड़ सभ्यता लौहयुगीन संस्कृति का प्रवेश हो चुका था ।
• आहड़ सभ्यता का काल 4000 वर्ष प्राचीन है ।
• आहड़ सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता है, मकान पत्थरों से बने हुए थे ।
• आहड़ सभ्यता पितृसत्तात्मक थी तथा परिवार संयुक्त था ।
• आहड़ सभ्यता एक मकान में 6 चुल्हे मिले, जिसमें से एक पर मानव हाथ के पंजे का निसान था ।
• आहड़ सभ्यता से सामुहिक भोज व्यवस्था प्रचलित थी ।
• आहड़ सभ्यता के लोग चावल से अच्छे तरीके से परिचित थे ।
• आहड़ सभ्यता से मुसल, पूजा करने की थाली, दीपक व त्रिशूल प्राप्त हुआ ।
• आहड़ सभ्यता में दीपक जलाने की विशेष प्रथा प्रचलित थी ।
• आहड़ सभ्यता से मर्दभाण्ड, ओबरी, बरनी, गोरे व उल्टी तपाई मिली ।

बयाना सभ्यता

• बयाना सभ्यता भरतपुर में है ।
• बयाना सभ्यता से नील की खेती की जाती थी ।
• बयाना सभ्यता को श्रीपंथ सभ्यता भी कहते हैं ।

सोथी सभ्यता

• सोथी सभ्यता बीकानेर में है ।
• सोथी सभ्यता को कालीबंगा प्रथम के नाम से जाना जाता है ।

सुनारी सभ्यता

• सुनारी सभ्यता खेतड़ी (झुन्झूंनूं) में है ।
• सुनारी सभ्यता से लोहे गलाने की प्राचीनतम भट्टीयों के अवशेष मिले ।
• सुनारी सभ्यता से लोहे का एक प्याला मिला ।

कुराडा सभ्यता

• कुराडा सभ्यता नागौर में है ।
• कुराडा सभ्यता को ‘धातु तथा औजार नगरी’ कहते है ।

गणेश्वर सभ्यता

• गणेश्वर सभ्यता नीम का थाना (सीकर) में कांतली नदी के किनारे है ।
• गणेश्वर सभ्यता की खोज वीरेन्द्र नाथ (V.N.) मिश्र ने की ।
• गणेश्वर सभ्यता का उत्खनन कार्य R.C. अग्रवाल (रतन चन्द्र) और विजय अग्रवाल ने किया ।
• ताम्र युगीन संस्कृति में सबसे प्राचीन गणेश्वर सभ्यता है ।
• गणेश्वर सभ्यता को ताम्र जननी कहते है ।
• गणेश्वर सभ्यता का काल 2800 ईसा पूर्व माना गया है ।
• गणेश्वर सभ्यता से मछली पकड़ने का काटा, शिकार करने का वाणाग्र मिला है ।
• गणेश्वर सभ्यता एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ से पत्थर से निर्मित बाँध मिला है ।
• गणेश्वर सभ्यता को पुरातात्विक स्थल को पुष्कर कहते हैं ।

बैराठ सभ्यता

• बैराठ सभ्यता जयपुर में बाणगंगा नदी के किनारे बैराठ सभ्यता है ।
• बैराठ सभ्यता का प्राचीन नाम विराट नगर था ।
• विराट नगर मतस्य जनपद की राजधानी थी ।
• बैराठ सभ्यता का उत्खनन स्वतंत्रता से पहले दयाराम सहानी ने 1937 में किया ।
• बैराठ सभ्यता का उत्खनन स्वतंत्रता के बाद नील रत्न बनर्जी और कैलाश नाथ दीक्षित ने किया ।
• बीजक की पहाड़ी अर्थात् भोमली की पहाड़ी/ महादेव की डुंगरी/ भीम जी की डुंगरी पर खुदाई के दौरान बैराठ सभ्यता के अवशेष मिले ।
• बैराठ सभ्यता की लिपि शंख लिपि है ।
• 1837 में अंग्रेजी अधिकारी मेजर बर्ट को बैराठ सभ्यता से अशोक का भाब्रू शिलालेख मिला, जो वर्तमान में कलकत्ता संग्रालय में रखा हुआ है ।
• रामसिंह के समय बैराठ सभ्यता से एक स्वर्ण मंजुषा मिला, जिसमें भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष मिले ।
• 1999 में जब जनक की पहाड़ी की खुदाई की गई, तो बैराठ सभ्यता से बौद्ध मन्दिर मठ, स्तूप मिले, जो हिनयान सम्प्रदाय से सम्बन्धित थे ।
• बैराठ सभ्यता से हमें बौद्धकालीन एवं मौर्यकालीन सभ्यताओं के बारे में जानकारी मिलती है ।
• बैराठ में चीनी यात्री हेनसांग आया था ।
A. हेनसांग हर्सवर्धन के शासन काल में भारत आया ।
B. हेनसांग सर्वप्रथम राजस्थान में भीलमाल (जालौर) में आया ।
C. हेनसांग का प्रमुख ग्रन्थ सी॰यू॰ की है ।
• बैराठ में एक सुती वस्त्र मिला, जो हाथ से बना था ।
• बैराठ सभ्यता से 36 मुद्राएँ मिली, जिनमें से 28 इण्डो ग्रीक युनानियों की थी । 28 में से 16 युनानी राजा मिनेण्डर के थी ।
• बैराठ सभ्यता से 36 में से 8 पंचमार्क सिक्के थे । भारत का सबसे प्राचीन सिक्का पंचमार्क (आहत) था ।

रेड़ सभ्यता

• रेड़ सभ्यता ढील नदी के किनारे टोंक में है ।
• रेड़ सभ्यता की खोज 1938-40 में केदार नाथ पुरी में हुई ।
• रेड़ से लौहे के विशाल भण्डार मिले ।
• रेड़ को प्राचीन भारत का टाटा नगर कहते है ।
• एशिया में एक स्थान पर सर्वाधिक सिक्कों का भण्डार मिला ? रेड़ स्थान से ।
• रेड़ से पूर्व गुप्तकालीन सभ्यताओं की जानकारी मिलती है ।

नोह सभ्यता

• नोह सभ्यता भरतपुर में रूपारेल नदी के किनारे पर है ।
• नोह सभ्यता लौह युगीन सभ्यता है ।
• नोह से 5 सांस्कृतिक युगीन सभ्यताओं के अवशेष मिले ।
• मौर्यकालीन एवं कुषाण कालीन सभ्यताओं के अवशेष नोह सभ्यता से मिले ।

जोधपुरा सभ्यता

• जोधपुरा सभ्यता जयपुर में है ।
• जोधपुरा सभ्यता लौह युगीन सभ्यता है ।
• जोधपुरा सभ्यता से शुंग तथा कुषाण कालीन सभ्याओं के अवशेष मिले ।

डडीकर सभ्यता

• डडीकर सभ्यता अलवर में है ।

नदीघटी सभ्यता

• नदीघटी सभ्यता चित्तौड़गढ़ में है ।

झाड़ौल सभ्यता

• झाड़ौल सभ्यता उदयपुर में है ।

ऐलाना सभ्यता

• ऐलाना सभ्यता जालौर में है ।

चक – 84

• चक – 84 सभ्यता गंगानगर में है ।

औझीयाना

• औझीयाना भीलवाड़ा में है ।

कोलमोहाली

• कोलमोहाली सवाई माधोपुर में है ।

नैनवा

• नैनवा बूंदी में है ।

दर

• दर भरतपुर में है ।

बांका गाँव की सभ्यता

• बांका गाँव की सभ्यता भीलवाड़ा में है ।
• बांका गाँव पर राजस्थान की प्रथम अलंकृत गुफा मिली ।

कुण्डा गाँव की सभ्यता

• कुण्डा गाँव की सभ्यता जैसलमेर में है ।
• कुण्डा गाँव की सभ्यता से चुहे के दांत के प्राचीन अवशेष मिले ।

बागोर सभ्यता

• बागोर सभ्यता भीलवाड़ा में कोठारी नदी के किनारे है ।
• प्रथम बार पशु पालन की जानकारी बागोर सभ्यता से मिली ।
• बागोर सभ्यता ‘आदिम संस्कृति का संग्राहलय’ कहलाता है ।
• बागोर सभ्यता को ‘महासतियों को टीला’ भी कहते हैं । बागोर की हवेली उदयपुर में है ।

किरोडोत सभ्यता

• किरोडोत सभ्यता जयपुर में है ।
• किरोडोत सभ्यता से कांस्य नृत्यांगना की मूर्ति मिली ।

तिलवाड़ा सभ्यता

• तिलवाड़ा सभ्यता बाड़मेर में लुणी नदी के किनारे है ।
• तिलवाड़ा सभ्यता को प्राचीन मानव का आवासीय स्थल कहते है ।

नगर सभ्यता

• नगर सभ्यता टोंक में है ।
• नगर का प्राचीन नाम मालव नगर था ।
• नगर सभ्यता से मालव जनपद के सिक्के मिले ।

नगरी सभ्यता

• नगरी सभ्यता चित्तौड़गढ़ में बेड़च नदी के किनारे है ।
• नगरी सभ्यता का प्राचीन नाम मध्यमिका/मज्यमिका है ।
• शिवजनपद के सिक्के नगरी सभ्यता से प्राप्त हुए ।

बालाथल सभ्यता

• बालाथल सभ्यता ताम्रयुगीन सभ्यता है ।
• बालाथल सभ्यता बनास नदी के किनारे उदयपुर में है ।

गिलुण्ड सभ्यता

• गिलुण्ड सभ्यता राजसमन्द में बनास नदी के किनारे है ।
• गिलुण्ड सभ्यता ताम्रयुगीन सभ्यता है ।

गुरारा सभ्यता

• गुरारा सभ्यता सीकर में है ।
• गुरारा सभ्यता 2,744 पंचमार्क सिक्के मिले है ।

नलियासर सभ्यता

• नलियासर सभ्यता जयपुर में है ।
• गुरारा सभ्यता से इण्डो ग्रीक युनानियों के सिक्के मिले ।
• गुरारा सभ्यता से चौहानों के पूर्व काल के बारे में जानकारी मिलती है ।

गरदड़ा सभ्यता

• गरदड़ा सभ्यता बूंदी में छाजा नदी के किनारे है ।
• गरदड़ा सभ्यता रॉक पेंटींग (शैल चित्र) प्राप्त हुए ।

पीलीबंगा सभ्यता

• पीलीबंगा सभ्यता हनुमानगढ़ में घग्घर नदी के किनारे है ।
• पीलीबंगा सभ्यता का अर्थ पीले रंग की चुड़ियाँ ।
• पीलीबंगा सभ्यता से ईटी बना हुआ कुँआ मिला ।

रंगमहल सभ्यता

• रंगमहल सभ्यता हनुमानगढ़ में घग्घर नदी के किनारे है ।
• रंगमहल सभ्यता से गुरू- शिष्य की मिट्टी की मूर्ति मिली ।

चन्द्रावती सभ्यता

• चन्द्रावती सभ्यता सिरोही में है ।
• हाल ही में चन्द्रावती सभ्यता मिली ।
• 70 Kg वजेची मटका चन्द्रावती सभ्यता से मिला है ।
• कांच के टुकड़े तथा दुर्गा के अवशेष चन्द्रावती सभ्यता से मिले ।
• चन्द्रावती सभ्यता से ऐसे पत्थर मिले, जिनको आपस में बजाने पर मंन्दिर की आरती के समान ध्वनी उत्पन होती है ।
• चन्द्रावती सभ्यता से विश्व कि एकमात्र गरुड़ासन विष्णु की प्रतिमा प्राप्त हुई ।

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