Mewar-Ka-Itihas-Top-Five-Questions-मेवाड़-का-इतिहास

19.1 Mewar Ka Itihas मेवाड़ का इतिहास

Mewar Ka Itihas मेवाड़ का इतिहास

मेवाड़ रियासत राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत थी । मेवाड़ की प्राचीन नाम शिवि, प्राग्पाट और मेदपाट है । मेवाड़ में गुहिल (गहलोद) और सिसोदिया दो वंश है । मेवाड़ के शासकों को हिन्दुओं का सुरज कहा जाता है । मेवाड़ का इतिहास ‘राजस्थान का सबसे गौरवपूर्ण इतिहास’ है । मेवाड़ में गुहिलो की 24 शाखायें हुई । मेवाड़ के शासक स्वयं को भगवान श्रीराम के पूर्व कुश के वंशज बताते है ।

गुहिल वंश

• गुहिल वंश का संस्थापक गुहिल है ।
• गुहिल का उपनाम गोहादित्य व गोह है ।
• गुहिल ने 566 में गुहिल वंश की स्थापना की ।
• गुहितान हुण वंश के शासक मिहिर कुल को हरा कर गुहिल वंश की स्थापना की थी ।
• गुहिलों की प्रारम्भिक राजधानी नागदा (उदयपुर) थी ।
• विश्व का एकमात्र ऐसा राजवंश है, जिसने एक स्थान पर सर्वाधिक समय तक शासन किया ।

बप्पा रावल

• बप्पा रावल का वास्तविक नाम कालभोज है ।
• गुहिल वंश का वास्तविक संस्थापक बप्पारावल था ।
• इनका ईष्टदेव एकलिंग जी था ।
• एकलिंग जी के मंदिर का निर्माण बप्पारावल ने कैलाशपुरी (उदयपुर) में करवाया है ।
• बप्पारावल हारित ऋषि की गाये चराता था ।
• 734 ई॰ में बप्पारावल ने मौर्य वंश के शासक मानमोरी को हरा कर चितौड़गढ़ का शासक बना ।
• सी॰वी॰ वेद ने इनको चाल्समादित्य की उपाधि दी है ।
• मेवाड़ में सर्वप्रथम सोने के सिक्के बप्पारावल ने ही चलाये थे ।
• इसकी मृत्यु नागदा में हुई, जहाँ उनकी समाधि बनी हुई है ।
• बप्पा रावल के बारे में कहावत है कि ये 35 हाथ की धोती 16 हाथ का दुपट्टा व 32 मण की खड्ग रखता था । और भोजन एक दिन में चार बकरे करता था ।

भर्तभट्ट द्वितीय

• भर्तभट्ट द्वितीय को तीनों लोको का तिलक कहते है ।

अल्लहट

• अल्लहट ने आहड़ को अपनी राजधानी बनाया ।
• मेवाड़ में सबसे पहले अल्लहट के समय नौकरशाही प्रारम्भ हुई ।
• अल्लहट राजस्थान का प्रथम शासक था, जिसने सबसे पहले विदेशी विवाह किया ।
• अल्लहट ने हुण राजकुमारी हरियादेवी से विवाह किया ।

रणसिंह

• रणसिंह के समय गुहिल वंश दो शाखाओं (राणा शाखा और रावल शाखा) में विभक्त हुआ ।
• राणा शाखा के संस्थापक ‘राहप’ थे ।
• रावल शाखा के ‘क्षेमसिंह’ थे ।

Mewar-Ka-Itihas-me-rani-Padmini-ne-apni-dasiyo-ke-sath-kiya-Agni-johar
Mewar-Ka-Itihas-me-rani-Padmini-ne-apni-dasiyo-ke-sath-kiya-Agni-johar

• रतनसिंह के छोटे भाई कुम्भकरण ने नेपाल में गुहिल वंश की स्थापना की ।
• रतनसिंह गुहिल वंश का अन्तिम शासक था ।
• रानी पद्मनी सिंहल द्वीप (श्रीलंका) की राजकुमारी तथा गन्धर्व सैन की पुत्री थी ।
• रानी पद्मनी का तोता हीरामन तोता था ।
• अल्लाउदीन खिलजी को रानी पद्मनी के बारे में राघव (काला) चेतन नामक जादूगर ने बताया ।
• अल्लाउदीन में लगभग आठ महिने तक चिता को घेर रखा ।
• अगस्त 1303 में रतन सिंह, अल्लाउदीन के साथ युद्ध हुए मारा गया ।
• रतनसिंह के साथ रतनसिंह के सेनापति गौरा और बादल भी मारे गये ।
• गौरा बादल रानी पद्मनी के क्रमशः चाचा और भाई थे ।
• रानी पद्मनी नेतृत्व में 1303 में जौहर हुआ । यह राजस्थान का सबसे बड़ा जौहर था ।
• रानी पद्मनी के साथ लगभग 1600 महिलाओं ने जौहर किया ।
• राजस्थान का दूसरा जौहर व दूसरा साका था ।
• अल्लाउदीन ने चित्तौड़गढ़ का शासक खिज्र खाँ को बनाया ।
• अल्लाउदीन ने चितौड़गढ़ का नाम बदल कर खिज्राबाद रखा ।
• इस युद्ध में अल्लाउद्दीन खिलजी के साथ अमीर खुसरो नामक विद्वान उपस्थित था ।
• पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी ने 1540 में लिखा ।
• खिज्र खाँ 1313 तक चित्तौड़गढ़ का शासक रहा बाद में जालौर के मालदेव चौहान को बनाया ।
• अल्लाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मनी के लिए जनवरी 1303 में चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया ।

चित्तौड़गढ़ पर अल्लाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण क्यों किया ?

चित्तौड़गढ़ पर अल्लाउद्दीन खिलजी का आक्रमण करने का कारण तीन हो सकता है । (1) रानी पद्मनी को पाना चाहता था । (2) रतन सिंह का बढ़ता हुआ प्रभाव । (3) अल्लाउदीन की साम्राज्यवादी नीति ।

राजस्थान के लोक नृत्यराजस्थान की जनजातियाँराजस्थान के आन्दोलनराजस्थान में 1857 की क्रान्ति, राजस्थान के लोकगीतराजस्थान की प्राचीन सभ्यता, राजस्थान की देवियाँ, चौहानों का इतिहासराजस्थान के त्यौहारराजस्थान की जलवायुराजस्थान के संभागराजस्थान के प्रजामण्डलराजस्थान के लोक देवताRajasthan GK Bookराजस्थान एकीकरणराजस्थान का भौतिक प्रदेश, राजस्थान का सामान्यज्ञानराजस्थान का सामान्य परिचय राजस्थान के GK की प्रश्नोत्तरी

Spread the love

3 thoughts on “19.1 Mewar Ka Itihas मेवाड़ का इतिहास”

  1. Pingback: 19.3 मेवाड़ का इतिहास-खानवा का युद्ध - Be Notesi

  2. Pingback: 19.3 मेवाड़ का इतिहास-खानवा का युद्ध - Be Notesi

  3. Pingback: 19.4 मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक महाराणा प्रताप - Be Notesi

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *