5 Rajasthan Ekikaran राजस्थान एकीकरण

Rajasthan Ekikaran से पूर्व हमने Rajasthan Ki Jalvayu । राजस्थान की जलवायु को पढ़ा है । जो राजस्थान एवम् भारत में होने वाली सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में उपयोगी सिद्ध होगी । राजस्थान एकीकरण (Rajasthan Ekikaran) :- भारत जब 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ तो छोटी-छोटी रियासतों में बँटा हुआ था । भारत और राजस्थान के एकीकरण का श्रेय सरदार पटेल को दिया जाता है । एकीकरण में 6 वर्ष 7 माह 13 दिन का समय लगा । एकीकरण के समय राजस्थान B श्रेणी का राज्य था तथा अजमेर मेरवाडा C श्रेणी का था । 1956 में 7 वें संविधान संशोधन द्वारा A, B और C श्रेणी को समाप्त कर दिया गया । मारवाड़ का शासक हनुवन्त सिंह और बीकानेर का सार्दुल सिंह पाकिस्थान में शामिल होना चाहते थे । क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत मारवाड़ (जोधपुर) थी । राजस्थान की सबसे छोटी रियासत शाहपुरा भीलवाड़ा है ।

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राजस्थान एकीकरण (Rajasthan Ekikaran) में देशी रियासती का योगदान

• राजस्थान के देशी रियासती विभाग 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल की अध्यक्षता में का गठन किया गया ।
• राजस्थान के देशी रियासती विभाग के सचिव वी.पी. मेनन थे ।
• राजस्थान में देशी रियासतों की संख्या 19 थी ।
• भारत में देशी रियासतों की संख्या 562 थी ।
• राजस्थान के 3 ठिकाने है- नीमराना (अलवर), कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) और लावा (टोंक) ।
• पहले लावा जयपुर रियासत में था ।
• ठिकानों को चिफशीफ भी कहते है ।
• राजरथान में चिफ कमिश्नर (केन्द्रशासित प्रदेश) केवल एक था – अजमेर मेरवाड़ा ।
• भारत में चिफ कमिश्नर (केन्द्रशासित प्रदेश) चार थे – अजमेर मेरवाड़ा, दिल्ली, कुर्ग (कर्नाटक), बलुचिस्तान (अफगानिस्तान) ।
• राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का पहला चरण मत्स्य संघ 18 मार्च 1948 को पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का दूसरा चरण पूर्वी राजस्थान संघ (राजस्थान संघ) 25 मार्च 1948 को पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का तीसरा चरण संयुक्त राजस्थान संघ 18 अप्रैल 1948 को पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का चौथा चरण वृहद राजस्थान संघ 30 मार्च 1949 को पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का पाँचवाँ चरण संयुक्त वृहद राजस्थान संघ 15 मई 1949 को पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का छटावाँ चरण राजस्थान 26 जनवरी 1950 को पूर्ण हुआ ।
• राजस्थान के एकीकरण का सातवाँ चरण वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर 1956 को पूर्ण हुआ ।

राजस्थान का एकीकरण (Rajasthan Ekikaran)

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• एकीकरण के समय सर्वप्रथम पूर्वी राजस्थान संघ (दूसरे) चरण में राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ ।
• राजस्थान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कर्नल जेम्स टॉड ने किया ।
• सूत्र – बाबू शा पूर्वी संघ को झाडू प्रताप की टोंक । [पूर्वी राजस्थान संघ में बांसवाड़ा, बूंदी, शाहपुरा (भीलवाड़ा), कोटा, झालावाड़, डूंगरपुर, किशनगढ़ (अजमेर) और प्रतापगढ़ शामिल किया गया था ।)

मत्स्य संघ

• मत्स्य संघ 18 मार्च 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली के साथ नीमराना ठिकाना को शामिल करके बना दिया गया है ।
• मत्स्य संघ की राजधानी अलवर थी ।
• मत्स्य संघ के उदयभान सिंह (धौलपुर) को राजप्रमुख तथा शोभाराम कुमावत (अलवर) प्रधान मंत्री बनाया गया ।
• लोहागढ़ दुर्ग (भरतपुर) में मत्स्य संघ का उद्घाटन N.V. गॉडगिल (नरहरि विष्णु) किया था ।
• मत्स्य संघ का नाम K.M. मुशी (कन्हैया लाल माणिक्य लाल) ने दिया ।
• गाँधीजी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने की थी तथा अलवर के शासक तेजसिंह पर भी गांधीजी की हत्या का आरोप लगा था ।
• पूर्वी राजस्थान संघ (25 मार्च 1948) 9 देशी रियासतें तथा एक ठिकाना कुशलगढ़ शामिल हुआ ।

पूर्वी राजस्थान संघ

• पूर्वी राजस्थान संघ की राजधानी कोटा तथा राजप्रमुख भीमसिंह (कोटा) थे ।
• पूर्वी राजस्थान संघ के प्रधानमंत्री गोकुल लाल असावा (शाहपुरा) और का उद्घाटन कर्ता N.V. गॉडगिल (नरहरि विष्णु) थे ।
• पूर्वी राजस्थान संघ की स्थापना कोटा दुर्ग में किया गया ।

संयुक्त राजस्थान संघ

• 18 अप्रैल 1948 को पूर्वी राजस्थान संघ में मेवाड़ (उदयपुर) को मिलाकर संयुक्त राजस्थान संघ बना ।
• संयुक्त राजस्थान संघ की राजधानी उदयपुर बनी ।
• संयुक्त राजस्थान संघ के राजप्रमुख (उदयपुर के राजा) भूपालसिंह बना ।
• संयुक्त राजस्थान संघ के उपराजप्रमुख (कोटा के राजा) भीमसिंह और प्रधानमंत्री माणिक्यलाल वर्मा को बनाया गया ।
• संयुक्त राजस्थान संघ के उद्घाटनकर्ता जवाहर लाल नेहरू (चाचा) बने ।

वृहद राजस्थान संघ

• वृहद राजस्थान संघ को 30 मार्च 1949 बनाया गया ।
• 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है ।
• वृहद राजस्थान संघ बनाने की मांग जय प्रकाश नारायण ने रखी थी ।
• संयुक्त राजस्थान संघ में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और लावा ठिकाने को मिलाकर वृहद राजस्थान संघ बनाया गया ।
• वृहद राजस्थान संघ की राजधानी जयपुर है ।
• वृहद राजस्थान संघ का राजप्रमुख मानसिंह द्वितीय (जयपुर) बनाया गया ।
• वृहद राजस्थान संघ का महाराजा प्रमुख भूपाल सिंह को तथा उप राजप्रमुख भीम सिंह को और प्रधानमंत्री हीरालाल शास्त्री को बनाया गया ।
• वृहद राजस्थान संघ के उद्घाटनकर्ता सरदार पटेल को बनाया गया ।
• राजस्थान का प्रथम, अन्तिम एकमात्र और आजीवन महाराजा प्रमुख भूपाल सिंह था ।
• राजस्थान का प्रथम राज प्रमुख मानसिंह और द्वितीय था ।

सत्यनारायण राव समिति का राजस्थान एकीकरण (Rajasthan Ekikaran) से सम्बंध

(क) क्या आपको पता है कि सत्यनारायण राव समिति का सम्बंध किससे है ?

• सत्यनारायण राव समिति का सम्बन्ध चौथे चरण से है ।
• सत्यनारायण राव समिति की मुख्य सिफारिशे राजस्थान की राजधानी जयपुर हो, शिक्षा विभाग- बीकानेर में, खनिज विभाग उदयपुर में, कृषि विभाग भरतपुर में, वन एवम् सहकारी विभाग कोटा में, उच्च न्यायलय (1949) जयपुर में, बाद में (1958) जोधपुर में स्थानान्तरित कर दिया गया ।
• सत्यनारायण राव ने उच्च न्यायलय की स्थापना जोधपुर में करने कि सिफारिश की थी ।
• वर्तमान उच्च न्यायलय न्यायालय (हाईकोर्ट) की स्थापना जोधपुर में है
• उच्च न्यायलय न्यायालय (हाईकोर्ट) मुख्य पीठ जोधपुर में है तथा 1977 में एकल खण्डपीठ जयपुर में स्थापना की गई ।

संयुक्त वृहद राजस्थान संघ

• संयुक्त वृहद राजस्थान संघ की स्थापना 15 मई 1949 को की गई ।
• संयुक्त राजस्थान संघ में मत्स्य संघ को मिलाकर संयुक्त वृहद राजस्थान संघ बनाया गया ।
• शंकर देव राव समिति की सिफारिश के आधार पर उत्तरप्रदेश में शामिल होना चाहते थे ।
• भरतपुर और धौलपुर भाषा के आधार पर उत्तरप्रदेश में शामिल होना चाहते थे ।
• भरतपुर की किसान सभा ने भरतपुर और धौलपुर को मिलाकर ब्रजप्रदेश बनाने की मांग रखी ।

राजस्थान

• संयुक्त वृहद राजस्थान संघ में सिरोही (माउंट आबू और दिलवाडा को छोडकर) को मिलाकर 26 जनवरी 1950 को राजस्थान बनाया गया ।
• माउंट आबू और दिलवाड़ा को मुम्बई प्रान्त (गुजरात) में शामिल किया गया था ।
• सिरोही का एकीकरण दो चरणों में पूर्ण हुआ ।
• मांउट आबू व दिलवाड़ा का राजस्थान में विलय गोकुल भाई भट्ट के प्रयासों से हुआ ।
• 26 जनवरी 1950 को राजस्थान शब्द को मान्यता मिली ।

वर्तमान राजस्थान

• वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर 1956 को मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया था ।

Rajasthan Ekikaran me राज्य पुर्नघटन आयोग योगदान

Rajasthan Ekikaran me राज्य पुर्नघटन आयोग के अध्यक्ष फजल अली थे । राज्य पुर्नघटन आयोग में राजस्थान का एकमात्र सदस्य हृदय नाथ कंजरू था ।

राज्य पुर्नघटन आयोग की सिफारिशे

• माउंट आबू और दिलवाड़ा को राजस्थान में शामिल करो ।
• अजमेर मेरवाड़ा को राजस्थान में शामिल करो ।
• अजमेर को 25 वां जिला बनाओ ।
• राजस्थान के सिरोज क्षेत्र को मध्य प्रदेश में व मध्य प्रदेश के सुनेल टप्पा को राजस्थान में शामिल करो ।
• राजप्रमुख के पद के स्थान पर राज्यपाल का पद गठित किया गया ।
• राजस्थान का प्रथम राज्यपाल गुरुमुख निहाल सिंह था ।

19 देशी रियासत और उनके नाम शासक का नाम

• अलवर रियासत के शासक तेजसिंह था ।
• भरतपुर रियासत के शासक ब्रजेन्द्र सिंह था ।
• करौली रियासत के शासक गणेश पाल वासुदेव था ।
• धौलपुर रियासत के शासक उदयभान सिंह था ।
• बांसवाड़ा रियासत के शासक चन्द्रवीर सिंह था ।
• बूँदी रियासत के शासक बहादुर सिंह था ।
• शाहपुरा रियासत के शासक सुदर्शनसिंह था ।
• प्रतापगढ़ रियासत के शासक प्रतापसिंह था ।
• किशनगढ़ रियासत के शासक सुमेरसिंह था ।
• झालावाड़ रियासत के शासक हरिशचन्द्र बहादुर था ।
• डूँगरपुर रियासत के शासक लक्ष्मण सिंह था ।
• टोंक रियासत के शासक अजीज उदौला था ।
• कोटा रियासत के शासक भीमसिंह था ।
• उदयपुर रियासत के शासक भूपालसिंह था ।
• जयपुर रियासत के शासक मानसिंह द्वितीय था ।
• जैसलमेर रियासत के शासक रघुनाथ सिंह था ।
• बीकानेर रियासत के शासक सार्दुल सिंह था ।
• जोधपुर रियासत के शासक हनुवन्त सिंह था ।
• सिरोही रियासत के शासक अभय सिंह था ।
• लावा ठिकने का शासक बद संदीप था ।
• नीमराना ठिकने का शासक राजेन्द्र सिंह था ।
• कुशलगढ़ ठिकने का शासक हरेन्द्र सिंह था ।
• अजमेर मेरवाड़ा का एकमात्र मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय था, जिसे दा साहब भी कहते है ।
• स्वतंत्रता के समय देशी रियासतों को ये अधिकार दिया गया कि चाहे तो वह भारत में रह सकती है चाहे पाकिस्तान में जा सकती हैं या स्वतंत्र भी रह सकती है ।
• स्वतंत्र रहने वाली रियासत की जनसंख्या 10 लाख तथा वार्षिक आय एक करौड़ होनी चाहिए । इस नियम का पालन करने वाली राजस्थान की चार रियासते (जोधपुर, जयपुर, उदयपुर और बीकानेर) थी ।
• स्वतंत्रता से पहले राजस्थान को एक इकाई के रूप में गठित करने का प्रयास किया गया ।

हाडौती संघ

सर्वप्रथम राजस्थान को एक इकाई के रूप में गठित किये जाने का प्रयास कोटा के शासक भीमसिंह ने किया । भीमसिंह ने कोटा बूंदी और झालावाड़ को मिलाकर हाडौती संघ बनाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा ।

राजस्थान यूनियन

राजस्थान यूनियन का निर्माण करने का प्रयास में 25-26 जून 1946 को मेवाड़ के शासक भूपाल सिंह ने गुजरात, राजपूताना व मालवा के शासकों का सम्मेलन उदयपुर में बुलाया, लेकिन प्रयास असफल रहा ।

बांगड़ संघ

डूंगरपुर के शासक लक्ष्मणसिंह ने डूंगरपुर, बांसवाड़ा, कुशलगढ़ , लावा और प्रतापगढ़ को मिलाकर बांगड़ संघ बनाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा ।

राजस्थान का अंतिम जिले बनने का क्रम

• सूत्र – धौला बादौरा हक प्रताप का
• 15 अप्रैल 1982 को भरतपुर से अलग होकर धौलपुर 27 वाँ जिला बना ।
• 10 अप्रैल 1991 को कोटा से अलग होकर बांरा 28 वाँ जिला बना ।
• 10 अप्रैल 1991 को जयपुर से अलग होकर दौसा 29 वाँ जिला बना ।
• 10 अप्रैल 1991 को उदयपुर से अलग होकर राजसमन्द 30 वाँ जिला बना ।
• 12 जुलाई 1994 को गंगानगर से अलग होकर हनुमानगढ़ 31 वाँ जिला बना ।
• 19 जुलाई 1997 को सवाई माधोपुर से अलग होकर करौली 32 वाँ जिला बना ।
• 26 जनवरी 2008 को बाँसवाड़ा (पीपलखुट तहसील). उदयपुर (धरियावाद, तहसील), चित्तौड़गढ़ (छोटी सादड़ी, अरनोद और प्रतापगढ़ तहसील) से अलग होकर प्रतापगढ़ 33 वाँ जिला बना ।

Rajasthan ka Ekikaran के विशेष तथ्य (Special facts of Rajasthan integration): –

• एकीकरण में 6 वर्ष 7 माह 13 दिन का समय लगा ।
• एकीकरण के समय राजस्थान B श्रेणी का राज्य था तथा अजमेर मेरवाडा C श्रेणी का था ।
• 1956 में 7 वें संविधान संशोधन द्वारा A, B और C श्रेणी को समाप्त कर दिया गया ।
• बांसवाडा के शासक चन्द्रवीर सिंह ने कहा था कि “मैं एकीकरण के विलय पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा हूँ, मैं अपने डेथ वारन्ट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ ।”
• मारवाड़ का शासक हनुवन्त सिंह और बीकानेर का सार्दुल सिंह पाकिस्थान में शामिल होना चाहते थे ।
• क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत मारवाड़ (जोधपुर) थी ।
• राजस्थान की सबसे छोटी रियासत शाहपुरा भीलवाड़ा है ।
• सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़ (उदयपुर) है ।
• सबसे नवीन रियासत झालावाड़ है ।
• 1838 में झालावाड़ रियासत की स्थापना अंग्रेजों ने की, जिसकी राजधानी झालारापाटन है ।
• अंग्रेजों या युरोपियों द्वारा बनायी गई, एकमात्र रियासत झालावाड़ है ।
• एकमात्र मुस्लिम रियासत टोंक है ।
• यादव रियासत करौली है ।
• जाट रियासत भरतपुर और धौलपुर है ।
• किशनगढ़ और शाहपुरा रियासत को तोप की सलामी का अधिकार नहीं था ।
• एकीकरण के समय क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला डूंगरपुर था जबकि वर्तमान में धौलपुर है ।
• एकीकरण के समय और वर्तमान में भी क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जैसलमेर ही है ।

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