21.2 वनों के प्रकार

वनों के प्रकार

कल हमने राजस्थान के वनों के बारें कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की थी । आज हम वनों के प्रकार के बारें में पढ़ेगे । इन्द्रा गाँधी नहर क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्यक्रम जपान कर रहा है । क्षेत्रफल की दृष्टि सबसे बड़ा वन मंडल जोधपुर में है । वन विकास परियोजना जापान के सहयोग से 18 जिलों में प्रारम्भ की गई । सर्वाधिक देववन या ओरन वन कोटा में पाये जाते है । भारत में सर्वाधिक चन्दने के बन कर्नाटक में पाये जाते है । राजस्थान में कई प्रकार के वृक्ष पाए जाते है । किसी स्थान पर वृक्ष बहुतायत से पाये जाते है । उनको वन कहते है । वनों में कई प्रकार की विशेषता वाले वृक्ष होते है । उनकी विशेषता के आधार पर ही उनका वर्गीकरण किया जाता है । वनों के पाँच प्रकार है । (1) शुष्क सागवान वन, (2) मिश्रित पतझड़ वन, (3) शुष्क वन, (4) अर्धशुष्क उष्ण कटिबंधीय धोकड़ा वन और (5) स्मृति वन ।

शुष्क सागवान वन

• शुष्क सागवान वनों को 75 सेमी से 110 सेमी तक वर्षा की आवश्यकता होती है ।
• ये वन सर्वाधिक बांसवाड़ा में पाये जाते है ।
• इस वन का अन्य क्षेत्र – डुंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़ और सिरोही है ।
• सागवान के सर्वाधिक वन राजस्थान के दक्षिणी भाग में पाये जाते है ।
• सागवान के वन राजस्थान के 6.87 % भाग पर पाये जाते हैं ।
• सागवान के वन पाला सहन नहीं कर सकते है ।
• सागवान के वन मानसुनी व चौड़ी पत्ती वाले होते है ।
• फुल वर्षा ऋतु में आते है ।

मिश्रित पतझड़ वन

• मिश्रित पतझड़ वन को ‘उष्णकटिबंधीय वन’ भी कहते हैं ।
• इन वनों को वर्षा 50-80 सेमी तक होती है ।
• ये वन 28.42 % भाग पर पाये जाते हैं ।
• मिश्रित पतझड़ वन सर्वाधिक उदयपुर में पाये जाते है ।
• इन वन के अन्य क्षेत्र बांसवाड़ा, डुंगरपुर, राजसमन्द, चितौड़गढ़ व कोटा है ।
• मिश्रित पतझड़ वन राजस्थान के दक्षिणी तथा दक्षिणी पूर्वी भाग में पाये जाते है ।
• ये वन मार्च- अप्रैल में अपने पत्ते गिराते है ।
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन को ‘सदाबहार वन’ भी कहते है ।
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के लिए वर्षा 150 सेमी की आवश्यकता होती है ।
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन 0.38 % पाये जाते है ।
• सदाबहार वन केवल माउंट आबू (सिरोही) में पाये जाते है ।
• राजस्थान में सबसे कम वन ‘उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन’ पाये जाते है ।
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों में औषधीय पौधे पाये जाते है ।
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों में सर्वाधिक वनस्पति विविधता पाई जाती है ।
• उपोष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों को ‘मरूस्थलीय वन’ भी कहते है ।

शुष्क वन

• शुष्क वन को मरूस्थलीय वन भी कहते है ।
• इन वनों को वर्षा 30 सेमी से भी कम की आवश्यकता होती है ।
• राजस्थान में शुष्क वन 6.14 % पाये जाते है ।
• ये वन राजस्थान के पश्चिमी भाग में पायें जाते है ।
• ये वन जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और जोधपुर में पाये जाते है ।
• इन वनों में मरूद्भिद या जीरोफाइट पौधे पाये जाते है ।
• इन वनों में सेवण घास भी पायी जाती है ।

अर्धशुष्क उष्ण कटिबंधीय धोकड़ा वन

• अर्धशुष्क उष्ण कटिबंधीय धोकड़ा वन के लिए वर्षा 30 से 60 सेमी॰ तक होती है ।
• राजस्थान में सर्वाधिक धोकड़ा वन पाये जाते है ।
• अर्धशुष्क उष्ण कटिबंधीय धोकड़ा वन सीकर, चुरू, झुन्झुनूँ, जालौर, सवाईमाधोपुर आदि क्षेत्र में पाये जाते है ।

स्मृति वन

• जयपुर के झालाना क्षेत्र में स्मृति वन है ।
• इसकी स्थापना 16 अक्टूम्बर 1982 में किया गया ।
• तत्कालीन मुख्य सचिव मीठा लाल मेहता के प्रयासों से स्मृति वन बना ।
• 2006 में वसुंधरा राजे ने स्मृति वन का नाम बदलकर कपूर चन्द कुलिश स्मृति कर दिया, जो की राजस्थान पत्रिका का संस्थापक है ।
• इस वन में जीरोफाई पौधे लगोये गए ।

पंचकुटा

• पंचकुटा एक प्रकार की सब्जी है, जो शीतला अष्टमी पर बनायी जाती है ।
• पंचकुटा में केर, काचरी, कुमट के बीच, गुदा के फल और सांगरी होती है ।
• स्मृति वन : – झालाश देव

विशेष तथ्य

• इन्द्रा गाँधी नहर क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्यक्रम जपान कर रहा है ।
• वन विकास परियोजना जापान के सहयोग से 18 जिलों में प्रारम्भ की गई ।
• क्षेत्रफल की दृष्टि सबसे बड़ा वन मंडल जोधपुर में है ।
• वनों की दृष्टि से सबसे बड़ा वन मंडल उदयपुर में है ।
• सर्वाधिक देववन या ओरन वन कोटा में पाये जाते है ।
• हल्दीघाटी और खमनौर के वनों को ‘चन्दन के वन’ कहते हैं ।
• भारत में सर्वाधिक चन्दने के बन कर्नाटक में पाये जाते है ।

21 राजस्थान के वन राजस्थान के GK की प्रश्नोत्तरी

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