राजस्थान की प्रमुख छतरीयाँ, 84 खम्भों की छतरी, 80 खम्भों की छतरी, माण्डलगढ़ की छतरी, 32 खम्भों की छतरी, पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी, बाण्डोली का छतरी, देवकुण्ड की छतरी, उदयसिंह की छतरी, गेटोर की छतरियाँ, आहड़ की छतरी, लाछा गुर्जरी की छतरी, अमरसिंह राठौड़ की छतरी, मामा भान्जा की छतरी, मण्डोर की छतरियाँ, ब्राह्मण देवता की छतरी, कागा की छतरी, गोरा धाय की छतरी, सेनापति की छतरी, गोरा धाय की छतरी, सेनापति की छतरी, राजाओं का देवल, तैतिस करोड़ देवीदेवताओं की की छतरियाँ, करोड़ो के कीर्ति धनी की छतरी, टहला की छतरी, आतेड़ा की छतरी, बोहरा की छतरी, गोपाल सिंह की छतरी, चैतक की छतरी, रूठी रानी की छतरी, पीपाजी की छतरी, मानसिंह की छतरी, अकबर की छतरी, बंजारे की छतरी, कुत्ते की छतरी, बड़ा बाग की छतरी, वीर दुर्गादास की छतरी, केशर बाग की छतरी, गडरा का शहीद स्मारक, क्षारबाग की छतरी, नेडा की छतरी, थानेदार की छतरी, दादा-पौता की छतरी, सन्तोषी बावड़ी की छतरी

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1 राजस्थान की प्रमुख छतरी

राजस्थान की प्रमुख छतरी

84 खम्भों की छतरी

• 84 खम्भों की छतरी बूँदी में है ।
• यह भगवान शिव को समर्पित है ।
• इस छतरी का निर्माण अनिरूद्ध ने अपने भाई धाबाई देवा के स्मृति में करवाया ।

80 खम्भों की छतरी

राजस्थान-की-प्रमुख-छतरीयाँ-मुशी-महारानी-की-छतरी-mushi-maharani-ki-Chhatari 80 खम्बो की छतरी

• 80 खम्भों की छतरी अलवर में है ।
• यह मुशी महारानी की छतरी है ।
• इसका निर्माण विनय सिंह ने करवाया था ।
• इस छतरी पर रामायण व महाभारत के चित्र बने हुए ।

माण्डलगढ़ की छतरी

• माण्डलगढ़ की छतरी भीलवाड़ा में है ।
• यह 32 खम्भों की छतरी है ।
• यह जयपुर के शासक जगन्नाथ कच्छवाह की ।
• इसका निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था ।

32 खम्भों की छतरी

• 32 खम्भों की छतरी रणथम्भौर सवाई माधोपुर में है, जो जयसिंह की है ।
• इसका निर्माण हमीरदेव चौहान ने करवाया ।
• इसे न्याय की छतरी भी कहते है ।

पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी

• यह 12 खम्भों की छतरी है ।
• पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी कुम्भलगढ़ दुर्ग (राजसमन्द) में है ।

बाण्डोली का छतरी

• बाण्डोली का छतरी यह 8 खम्भों की बनी हुई है ।
• बाण्डोली की छतरी का निर्माण बख्तावर सिंह करवाया ।

देवकुण्ड की छतरी

• देवकुण्ड की छतरी बीकानेर मे है ।

उदयसिंह की छतरी

• उदयसिंह की छतरी गोगुन्दा (उदयपुर) में है ।

गेटोर की छतरियाँ

• गेटोर की छतरियाँ जयपुर में है ।
• जयपुर के कछवाह शासकों की छतरियाँ है ।

आहड़ की छतरी

• आहड़ की छतरी उदयपुर में है ।
• इसमें सबसे प्राचीन अमरसिंह प्रथम की है ।
• इसे महासतियों का स्थान भी कहते हैं ।

लाछा गुर्जरी की छतरी

• लाछा गुर्जरी की छतरी नागौर में है ।

अमरसिंह राठौड़ की छतरी

• अमरसिंह राठौड़ की छतरी नागौर में है ।

मामा भान्जा की छतरी

• मामा भान्जा की छतरी जोधपुर में है ।
• इसका निर्माण अजीतसिंह ने करवाया था ।
• धन्ना गहलोत तथा भीवा चौहान आपस में मामा भान्जा थे ।

मण्डोर की छतरियाँ

• मण्डोर की छतरियाँ जोधपुर में है ।
• जोधपुर के राठौड़ शासकों की छतरियाँ है ।

ब्राह्मण देवता की छतरी

• ब्राह्मण देवता की छतरी जोधपुर में है ।

कागा की छतरी

• कागा की छतरी जोधपुर में है ।
• यहाँ बक नामक जादूगर ने अपने जादू से एक दिन में अनार का बाग लगाया ।

गोरा धाय की छतरी

• गोरा धाय की छतरी जोधपुर में है ।
• यह अजीतसिंह की धाय थी ।

सेनापति की छतरी

• सेनापति की छतरी जोधपुर में है ।
• यह मानसिंह राठौड़ के सेनापति इन्द्रराज की छतरी है ।

गोरा धाय की छतरी

• गोरा धाय की छतरी जोधपुर में है ।
• यह अजीतसिंह की धाय थी ।

सेनापति की छतरी

• सेनापति की छतरी जोधपुर में है ।
• यह मानसिंह राठौड़ के सेनापति इन्द्रराज की छतरी है ।

राजाओं का देवल

• राजाओं का देवल जोधपुर में है ।

तैतिस करोड़ देवीदेवताओं की की छतरियाँ

• तैतिस करोड़ देवीदेवताओं की की छतरियाँ जोधपुर में है ।

करोड़ो के कीर्ति धनी की छतरी

• करोड़ो के कीर्ति धनी की छतरी जोधपुर में है ।

टहला की छतरी

• टहला की छतरी अलवर में है ।

आतेड़ा की छतरी

• आतेड़ा की छतरी अजमेर में है ।
• यह जैनों में दिगम्बर सम्प्रदाय की छतरी है ।

बोहरा की छतरी

• बोहरा की छतरी करौली में है ।

गोपाल सिंह की छतरी

• गोपाल सिंह की छतरी करौली में है ।

चैतक की छतरी

• चैतक की छतरी बलीचा गाँव (हल्दीघाटी, राजसमन्द) में है ।

रूठी रानी की छतरी

• रूठी रानी की छतरी अजमेर में है ।

पीपाजी की छतरी

• पीपाजी की छतरी गागरोन दुर्ग (झालावाड़) में है ।

मानसिंह की छतरी

• मानसिंह की छतरी आमेर (जयपुर)में है ।

अकबर की छतरी

• अकबर की छतरी भरतपुर में है ।

बंजारे की छतरी

• बंजारे की छतरी दौसा में है ।

कुत्ते की छतरी

• कुत्ते की छतरी रणथम्भौर में है ।

बड़ा बाग की छतरी

• बड़ा बाग की छतरी जैसलमेर में है ।
• यहाँ पर जैतसिंह को ऊँट पर सवार तथा उसकी दस पासवान रानी तथा उसकी सोड़ा रानी को जमीन पर हाथ जोड़े दिखाया गया है ।

वीर दुर्गादास की छतरी

• वीर दुर्गादास की छतरी उज्जैन (मध्यप्रदेश) में शिप्रा नदी के किनारे है ।

केशर बाग की छतरी

• केशर बाग की छतरी बूँदी में है ।
• यहाँ पर राजाओं के साथ सती हुई रानियों की मूर्ती लगी हुई है ।
• यहाँ शत्रुशाल की मृत्यु पर 64 रानीयाँ सती हुई ।

गडरा का शहीद स्मारक

• गडरा का शहीद स्मारक बाड़मेर में है ।
• यहाँ 1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए 14 रेल कर्मचारियों की याद में मूर्तियाँ लगी हुई है ।

क्षारबाग की छतरी

• क्षारबाग की छतरी बूँदी, कोटा में है ।

नेडा की छतरी

• नेडा की छतरी अलवर में है ।

थानेदार की छतरी

• थानेदार की छतरी बारां में है ।

दादा-पौता की छतरी

• दादा-पौता की छतरी अजितगढ़में है ।

सन्तोषी बावड़ी की छतरी

• सन्तोषी बावड़ी की छतरी अजमेर में है ।

जिलों में छतरीयाँ

राजस्थान में कौन-कौनसी छतरी है ?

राजस्थान में कई छतरियाँ है । उनमें है – 84 खम्भों की छतरी, 80 खम्भों की छतरी, माण्डलगढ़ की छतरी, 32 खम्भों की छतरी, पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी, बाण्डोली का छतरी, देवकुण्ड की छतरी, उदयसिंह की छतरी, गेटोर की छतरियाँ, आहड़ की छतरी, लाछा गुर्जरी की छतरी, अमरसिंह राठौड़ की छतरी, मामा भान्जा की छतरी, मण्डोर की छतरियाँ, ब्राह्मण देवता की छतरी, कागा की छतरी, गोरा धाय की छतरी, सेनापति की छतरी, गोरा धाय की छतरी, सेनापति की छतरी, राजाओं का देवल, तैतिस करोड़ देवीदेवताओं की की छतरियाँ, करोड़ो के कीर्ति धनी की छतरी, टहला की छतरी, आतेड़ा की छतरी, बोहरा की छतरी, गोपाल सिंह की छतरी, चैतक की छतरी, रूठी रानी की छतरी, पीपाजी की छतरी, मानसिंह की छतरी, अकबर की छतरी, बंजारे की छतरी, कुत्ते की छतरी, बड़ा बाग की छतरी, वीर दुर्गादास की छतरी, केशर बाग की छतरी, गडरा का शहीद स्मारक, क्षारबाग की छतरी, नेडा की छतरी, थानेदार की छतरी, दादा-पौता की छतरी और सन्तोषी बावड़ी की छतरी ।

• बूँदी :- 84 खम्भों की छतरी, केशर बाग की छतरी, क्षारबाग की छतरी ।
• कोटा :- क्षारबाग की छतरी ।
• अलवर :- 80 खम्भों की छतरी, टहला की छतरी, नेडा की छतरी ।
• भीलवाड़ा :- माण्डलगढ़ की छतरी ।
• सवाई माधोपुर :- 32 खम्भों की छतरी ।
• राजसमन्द :- पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी (12 खम्भों की छतरी), चैतक की छतरी ।
• बीकानेर :- देवकुण्ड की छतरी ।
• उदयपुर :- उदयसिंह की छतरी, आहड़ की छतरी, बाण्डोली की छतरी ।
• जयपुर :- गेटोर की छतरियाँ, मानसिंह की छतरी ।
• नागौर :- लाछा गुर्जरी की छतरी, अमरसिंह राठौड़ की छतरी ।
• जोधपुर :- मामा भान्जा की छतरी, मण्डोर की छतरियाँ, ब्राह्मण देवता की छतरी, कागा की छतरी, गोराधाय की छतरी, सेनापति की छतरी, राजाओं का देवल, तैतिस करोड़ देवी-देवताओं की की छतरियाँ, करोड़ो के कीर्ति धनी की छतरी ।
• अजमेर :- आतेड़ा की छतरी, रूठी रानी की छतरी, सन्तोषी बावड़ी की छतरी ।
• करौली :- बोहरा की छतरी, गोपाल सिंह की छतरी ।
• झालावाड़ :- पीपाजी की छतरी ।
• भरतपुर :- अकबर की छतरी ।
• दौसा :- बंजारे की छतरी ।
• चित्तौड़गढ़ :- कुत्ते की छतरी ।
• जैसलमेर :- बड़ा बाग की छतरी ।
• उज्जैन (मध्यप्रदेश) :- वीर दुर्गादास की छतरी ।
• बाड़मेर :- गडरा का शहीद स्मारक ।
• बारां :- थानेदार की छतरी ।
• अजितगढ़ :- दादा-पौता की छतरी ।.

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