24 राजस्थान की चित्रशैली

राजस्थान की चित्रशैली

राजस्थान की प्रमुख चित्रशैली : कल हमने राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय के बारे में पढ़ा था । आज हम राजस्थान की चित्रकला के बारें पढ़ेंगे । राजस्थान की चित्र कला (Rajasthan Ki Chitrakla/ Rajasthan Ki Chitra Shaili) कई प्रकार की है – जैसे – कोटा चित्रशैली (चित्रकला), कोटा चित्रशैली, बूँदी चित्रशैली, किशनगढ़ चित्रशैली, नाथद्वारा चित्रशैली, बीकानेर चित्रशैली, नागौर चित्रशैली, मेवाड़ चित्रशैली, मारवाड़ चित्रशैली, आमेर चित्रशैली, उणियारा चित्रशैली, जैसलमेर चित्रशैली, अजमेर चित्रशैली, चावण्ड चित्रशैली, देवगढ़ चित्रशैली, जयपुर चित्रशैली।

कोटा चित्रशैली

• कोटा चित्रशैली रामसिंह के समय प्रारम्भ हुई ।
• उम्मेद सिंह के शासन काल को कोटा चित्रशैली का स्वर्ण काल कहते है ।
• काँटा निकालती हुई नायिका को कोटा चित्रशैली में दिखाया गया है ।
• इस चित्रशैली में रानियों को शिकार करते हुये दिखाया गया है ।
• इस चित्रशैली में हाथियों की लड़ाई, बेटी की विदाई और उमड़ते घुमड़ते बादल दिखाये गए है ।
• इस चित्रशैली में खजूर के वृक्ष की प्रधानता हैं ।
•कोटाचित्रशैली के प्रमुख चित्रकारी : – डालू जी, लच्छीराम जी, नूरमोहम्मद जी, रघुनाथ जी और गोविन्दराम

बूँदी चित्रशैली

• बूँदी चित्रशैली राजस्थानी विचारधारा की चित्रशैली का आरम्भिक क्षेत्र बूँदी है ।
• राजस्थानी संस्कृति का पूर्ण चित्रण बूँदी चित्रशैली में हुआ ।
• सुर्जन सिंह के शासन काल को बूँदी चित्रशैली का स्वर्ण काल कहते है ।
• बूँदी चित्रशैली में सर्वाधिक शिकारी दृश्य दिखाये गए है ।
• इस चित्रशैली में उम्मेद सिंह को सुअर का शिकार करते हुये दिखाया गया है ।
• इस चित्रशैली में सर्वाधिक पशु पक्षियों के चित्र बने हुये है ।
• कोटा और बूंदी चित्रशैली अपने भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध है ।
• उम्मेद सिंह के समय चित्रशाला (रंग विलास) का निर्माण हुआ ।
• इस चित्रशैली में प्रमुख वृक्ष खजूर और हरा प्रमुख रंग है ।
• इस चित्रशैली में वर्षा में नाचता हुआ मोर,बहता हुआ पानी, फुदकते हुये बंदर दिखाये गए है ।
• बूँदीचित्रशैली के प्रमुख चित्रकार रामलाल, सुर्जन, अहमद अली है ।

किशनगढ़ चित्रशैली

• किशनगढ़ चित्रशैली को बणी-ठणी चित्रशैली भी कहते हैं ।
• किशनगढ़ चित्रशैली मानसिंह के समय प्रारम्भ हुई ।
• सावंतसिंह (नागरीदास) के शासन काल को किशनगढ़ चित्रशैली का स्वर्ण काल कहते है ।
• ऐरिक डिक्सन ने किशनगढ़ चित्रशैली को भारत की मोनालिसा कहा ।
• एरिक डिक्सन एवं फैयाज अलि ने किशनगढ़ चित्रशैली को प्रसिद्धि दिलाई ।
• किशनगढ़ चित्रशैली पर 20 पैसे का डाक टिकट 1973 में भारत सरकार ने जारी किया ।
• किशनगढ़ चित्रशैली को कागजी भी कहते है ।
• इस चित्रशैली में महिलाओं को सर्वाधिक आभूष्णों में दिखाया गया है ।
• इस चित्रशैली में महिला के नाक में एक प्रमुख आभूषण दिखाया गया है जिसे वेसरी कहते है ।
• इस चित्रशैली में महिला की शराबी दो दिखाई गई ।
• इस चित्रशैली में चाँदनी रात की संगोष्ठी और कमल से भरे हुए सरोवर विखाये गये है ।
• किशनगढ़ चित्रशैली नौका विहार का दृश्य और कुंजो से आछादित वृक्ष दिखाये गये है ।
• किशनगढ़ चित्रशैली के चित्रकार अमरचन्द्र, मोरध्वज निहालचन्द और बन्ने सिंह है ।
• इस चित्रशैली में बणी-ठणी चित्र मोनिहाल चन्द ने बनाया था ।
• किशनगढ़ चित्रशैली का प्रमुख वृक्ष केला, प्रमुख रंग गुलाबी और सफेद है ।

राजस्थान की प्रमुख चित्रशैली । राजस्थान की चित्रकला भारत की मोनालिसा का चित्र बणी-ठणी पेन्टिग

नाथद्वारा चित्रशैली

• राजसिंह के शासनकाल को नाथद्वारा चित्रशैली का स्वर्णकाल कहते है ।
• नाथद्वारा चित्रशैली को वल्लभ चित्रशैनी भी कहते है ।
• इसचित्रशैली में पिछवाई चित्र बने हुए हैं ।
• पिछवाई कला का सम्बन्ध भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं (जीवन लीलाओं) से है ।
• इस चित्रशैली में मैया यशोदा व गायों का मनोरम चित्रण और आकाश में देवताओं का चित्रण दिखाए गए है ।
• नाथद्वारा चित्रशैली के प्रमुख वृक्ष केला और प्रमुख रंग हरा, पीला है ।
• इस में श्रीनाथ जी की मूर्ति की स्थापना के साथ ही नाथद्वारा चित्रशैली का प्रारम्भ माना जाता है ।
• नाथद्वारा चित्रशैली के प्रमुख चित्रकार घासीराम शर्मा, नरोत्तम शर्मा, मोहन, हेमन्त है ।

अलवर चित्रशैली

• अलवर चित्रशैली प्रताप सिंह के समय शुरु हुई ।
• विनय सिंह के शासनकाल को अलवर चित्रशैली का स्वर्णकाल कहते है ।
• अलवर चित्र शैली पर ईस्ट इंडिया कम्पनी का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा ।
• केवल गणिकाओं के चित्र अलवर चित्रशैली में बने हुए है ।
• प्रमुख विषय योगासन अलवर चित्रशैली में हाथी दाँत पर चित्रण किया गया है ।
• हाथी दाँत पर चित्रण का प्रमुख कलाकार गुलचन्द है ।
• अलवर चित्रशैली अपने बसलो (बोर्डर) चित्रण के लिए प्रसिद्ध है ।
• अलवर चित्रशैली के प्रमुख चित्रकार डालचन्द जी, नानकराम जी, बुदारामजी व बलदेव जी है ।

बीकानेर चित्रशैली

• अनूप सिंह के शासन काल को बीकानेर चित्रशैली का स्वर्ण काल कहते है ।
• इस चित्रशैली में ऊँट की खाल पर स्वर्ण चित्रकारी की गई है ।
• ऊँट की खाल पर स्वर्ण चित्रकारी का कार्य उस्ताकला कहलाता है ।
• बीकानेर चित्रशैली के कलाकार अपना नाम और तारीख लिखते है ।
• बीकानेर चित्रशैली के प्रमुख वृक्ष आम और रंग पीला है ।
• बीकानेर चित्रशैली का प्रारम्भिक चित्र भागवत पुराण को माना जाता है, जो रायसिंह के समय चित्रित किया गया ।
• बीकानेर चित्रशैली के प्रमुख चित्रकार रामलाल, अली रज्जा हसन, रूकनुदिन है ।

नागौर चित्रशैली

• नागौर चित्रशैली महिलाओं को पारदर्शी वेशभूषाओं में दिखाया गया है ।
• नागौर चित्रशैली में किवाड़ और दुर्ग की भिति पर चित्र बने हुए है ।

मेवाड़ चित्रशैली

मारवाड़ चित्रशैली

आमेर चित्रशैली

उणियारा चित्रशैली

जैसलमेर चित्रशैली

अजमेर चित्रशैली

चावण्ड चित्रशैली

देवगढ़ चित्रशैली

जयपुर चित्रशैली

राजस्थान की प्रमुख चित्रशैली के विद्यालय

राजस्थान के प्रमुख संत के प्रश्नोत्तर

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