27.3 बंगाल की खाड़ीय नदियाँ

बंगाल की खाड़ीय नदियाँ

बंगाल की खाड़ीय नदियाँ:- कल हमने अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ के बारें पढ़ा था । आज हम बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों के बारें अध्ययन करेंगे । जिसमें चम्बल नदी, मेज नदी, आनलिया नदी, पार्वती नदी, कालीसिंध नदी, परवन नदी, कुराल नदी, बामनी नदी, बनास नदी, कालीसिल नदी, डाई नदी, ढील नदी, मासी नदी, मोरेल नदी, खारी नदी, कोठारी नदी, बेड़च नदी, गम्भीरी नदी, मेनाल नदी, चाकण नदी, बाणगंगा नदी  आदि है ।

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ कौन कौनसी है ?

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ में चम्बल नदी, मेज नदी, आनलिया नदी, पार्वती नदी, कालीसिंध नदी, परवन नदी, कुराल नदी, बामनी नदी, बनास नदी, कालीसिल नदी, डाई नदी, ढील नदी, मासी नदी, मोरेल नदी, खारी नदी, कोठारी नदी, बेड़च नदी, गम्भीरी नदी, मेनाल नदी, चाकण नदी, बाणगंगा नदी  आदि है ।

चम्बल नदी

  • चम्बल नदी का उपनाम : राजस्थान की कामधेनु, चर्मवती, सदावाहिनी या नित्यवाहिनी और मालव गंगा । (Note:- राठी गाय को भी राजस्थान की कामधेनु कहते है ।)
  • राजस्थान में चम्बल नदी चौरासीगढ़ से (चित्तौडगढ) प्रवेश करती है ।
  • चम्बल नदी का उद्गम जानापाव की पहाडियों, विन्ध्याचल पर्वत महु नामक स्थान इन्दौर जिला (मध्य प्रदेश) से होता है ।
  • यह राजस्थान में 6 जिलो में बहती है ।
  •  सूत्र :- सवाई चित को बूंद से धौ कर । चम्बल को राजस्थान से निकालो ।। अर्थात् सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, बूँदी, धौलपुर और करौली जिलों से चम्बल नदी बहती है ।
  • यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में प्रवेश करती है और अन्त में धौलपुर से निकलकर उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में मुरादगंज स्थान पर यमुना नदी में मिल जाती है ।
  • यह राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है ।
  • इसकी कुल लम्बाई 966 किमी व राजस्थान में लम्बाई 135 किमी है ।
  • यह सर्वाधिक सहायक नदियाँ वाली नदी है ।
  • यह भारत की सबसे लम्बी अन्तर्राज्य सीमा बनाने वाली नदी है ।
  • यह नदी मध्यप्रदेश और राजस्थान के मध्य सबसे लम्बी अन्तर्राज्य सीमा बनाती है ।
  • यह राजस्थान, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में बहती है ।
  • चम्बल नदी सर्वाधिक अवनालिका अपरदन बनाने वाली नदी है ।
  • यह सर्वाधिक अवनालिका अपरदन कोटा में बनाती है ।
  • चम्बल नदी सवाई माधोपुर में सर्वाधिक बीहड़ बनाने वाली नदी है ।
  • यह सर्वाधिक सतही जल वाली नदी है ।
  • चित्तौडगढ़ में इस नदी पर चुलिया जल प्रपात बना हुआ है ।
  • सवाई माधोपुर के रामेश्वर नामक स्थान पर इस नदी पर एक त्रिवेणी संगम बना हुआ है । त्रिवेणी संगम वाली नदियाँ – चम्बल नदी, बनास नदी, सीप नदी ।
  • कोटा में इस नदी पर हैगिंग ब्रिज पुल बनाया जा रहा है ।
  • इस नदी का अपवाह तंत्र वृक्षाकार है ।
  • इस नदी में गांगेयसुंस नामक विशेष प्राणी पाया जाता है ।
  • यह राजस्थान की एकमात्र नदी है, जो दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है ।
  • इस पर सर्वाधिक बाँध बने हुए है ।
  • यह विश्व की एकमात्र नदी है, जिस पर 100 किलोमीटर के दायरे में तीन बाँध बने हुए है ।
  • गाँधी सागर बाँध चम्बल नदी पर मध्यप्रदेश में बना हुआ है । यह बाँध सबसे बड़ा बांध है ।
  • राणाप्रताप सागर बाँध चम्बल नदी पर राजस्थान के रावतभाटा (चित्तौडगढ़) में बना हुआ है । यह बाँध राजस्थान का सर्वाधिक भराव क्षमता वाला बाँध है ।
  • कोटा बेराज कोटा जिले में चम्बल नदी पर है ।
  •  जवाहर सागर बाँध चम्बल नदी पर कोटा में है ।
  • सहायक नदियाँ :- आल मेज पर काली कुबामनी पार्वती बना । चम्बल नदी सहायिका रहना ।। अर्थात् आलनिया नदी, मेज नदी, कालीसिंध नदी, परबन नदी, कुनाल नदी, बामनी नदी, पार्वती नदी और बनास नदी चम्बल नदी की सहायक नदियाँ है ।
  • यमुना नदी चम्बल नदी की प्रमुख सहायक नदी है ।

चम्बल नदी की सहायक नदियाँ

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदी चम्बल नदी की सहायक नदी कौन-कौनसी है ?

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदी चम्बल नदी की सहायक नदियाँ मेज नदी, आनलिया नदी, पार्वती नदी, कालीसिंध नदी, परवन नदी, कुराल नदी, बामनी नदी, बनास नदी, चाकण नदी है ।
बंगाल की खाड़ीय नदियाँ चम्बल नदी

मेज नदी

• यह चम्बल नदी की सहायक नदी है ।

आनलिया नदी

• यह चम्बल नदी की सहायक नदी है ।

पार्वती नदी

  • पार्वती नदी का उद्गम विन्ध्याचल पर्वत (मध्य प्रदेश) है ।
  • पार्वती नदी राजस्थान में प्रवेश बांरा करती है ।
  • यह चम्बल नदी की सहायक नदी है ।
  • पार्वती नदी राजस्थान में दो बार प्रवेश करती है ।

कालीसिंध नदी

  • कालीसिन्ध नदी का उद्गम विन्ध्याचल पर्वत (मध्य प्रदेश)  में होता है ।
  • राजस्थान में यह झालावाड़ जिले में प्रवेश करती है ।
  • ये चम्बल की सहायक नदी है ।
  • पवरन नदी, आहु नदी और चोली नदी इसकी सहायक नदियाँ हैं ।
  • आहु नदी का उद्गम मध्य प्रदेश में होता है ।
  • आहु नदी राजस्थान में झालावाड़ में प्रवेश करती है ।
  • गागरोन दुर्ग कालीसिन्ध और आहु नदी के संगम पर बना हुआ है ।
  • यह कालीसिन्ध नदी की सहायक नदी है ।

परवन नदी

• परवन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में होता है ।
• परवन नदी राजस्थान में झालावाड़ जिले से प्रवेश करता है ।
• यह कालीसिन्ध नदी की सहायक नदी है ।

कुराल नदी

• कुराल नदी का उद्गम उपरमाल के पठार से (भीलवाड़ा) है ।
• चम्बल नदी की सहायक नदी है ।

बामनी नदी

• बामनी नदी का उद्गम स्थान चित्तौड़गढ़ है ।
• यह चम्बल नदी की सहायक नदी है ।
• इस नदी का पानी बीसलपुर बांध में लाकर डाला जायेगा ।

बनास नदी

बंगाल की खाड़ीय नदियाँ बनास नदी उदयसागर झील त्रिवेणी संगम मेजा बाँध बीसलपुर बाँध मोरेल बाँध

• बनास नदी का उपनाम वन की आशा, वर्णाशा और वशिष्ठी है ।
• बनास नदी का उद्गम खमनोर की पहाड़ी (राजसमंद) से हुआ ।
• इसका प्रवाह क्षेत्र राजसमन्द्र, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, टोक, सवाई माधोपुर है ।
• इसकी लम्बाई 480 किलोमीटर है ।
• यह नदी पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है ।
• यह सर्वाधिक जल ग्रहण क्षेत्र वाली नदी है ।
• यह टोंक जिले में सर्पिलाकार के रूप में बहती है ।
• टोंक में इस नदी पर बीसलपुर बांध बना है जो राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना है ।
• बनास नदी चम्बल की सबसे बड़ी सहायक नदी है ।
• बनास नदी पर चार त्रिवेणी संगम बने हुए है ।
• भीलवाडा में बनास नदी बेड़च और मेनाल नदियों के सहयोग से बीगोद त्रिवेणी संगम बनाती है ।
• टोंक जिले में बनास नदी डाई और खारी नदियों के सहयोग से राजमहल त्रिवेणी संगम बनाती है ।
• टोंक जिले में बनास नदी पर देवधाम त्रिवेणी संगम मांसी और बांड़ी नदियों के सहयोग से बनता है ।
• सवाई माधोपुर में बनास, सीप और बेड़च नदियाँ रामेश्वर त्रिवेणी संगम बनाती है ।
• सहायक नदियाँ :- बेड़च मे मामो कढी को खाई । सहायक नदियाँ बनास डाई ।। अर्थात् बेड़च नदी, मेनाल नदी, मासी नदी, मोरेल नदी, कोठारी नदी, खारी नदी, और डाई नदी बनास नदी की सहायक नदियाँ है ।

बनास नदी की सहायक नदियाँ

बनास नदी की सहायक नदियाँ कौन-कौनसी है ?

बनास नदी की सहायक नदियाँ – कालीसिल नदी, डाई नदी, ढील नदी, मासी नदी, मोरेल नदी, खारी नदी, कोठारी नदी, बेड़च नदी, गम्भीरी नदी और मेनाल नदी है ।
कालीसिल नदी

A. कालीसिल नदी का उदगम करौली में होता है ।
B. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।
C. कैलादेवी का मन्दिर इसी नदी के किनारे स्थित है ।

डाई नदी

A. डाई नदी का उद्गम अजमेर जिले में होता है ।
B. यह बनास की सहायक नदी है ।

ढील नदी

A. ढील नदी का उद्गम टोंक जिले से होता है ।
B. रेड सभ्यता इसी नदी के किनारे विकसित हुई है ।
C. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।

मासी नदी

A. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।

मोरेल नदी

A. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।

खारी नदी

A. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।
B. खारी नदी का उद्गम बिजराल की पहा (राजसमन्द) है ।
C. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।

कोठारी नदी

A. कोठारी नदी का उद्गम दिनेर की पहाड़ी (राजसमन्द) से होता है ।
B. भीलवाड़ा में इस नदी पर मेजा बाँध बना हुआ है ।
C. कोठारी नदी बनास नदी की सहायक नदी है ।

बेड़च नदी

A. बेड़च नदी का उद्गम गोगुन्दा की पहाड़ियाँ (उदयपुर) से होती है ।
B. यह अपने उद्गम स्थान पर आयड़ नदी कहलाती है ।
C. इस नदी पर घोसुन्दा बाँध (चित्तौड़गढ़) बना हुआ है ।
D. यह बनास नदी की प्रमुख सहायक नदी है ।
E. ओराई नदी, वागन नदी, गम्भीरी नदी और गुर्जरी नदी बेड़च नदी की सहायक नदियाँ है ।

गम्भीरी नदी

A. गम्भीरी नदी का उद्गम अरावली की पहाटी (उदयपुर) है ।
B. गम्भीरी नदी बनास नदी की सहायक है ।

मेनाल नदी

A. मेनाल नदी का उद्गम माण्डलगढ (भीलवाड़ा) में होता है ।
B. यह बनास नदी की सहायक नदी है ।

चाकण नदी

  • चाकण नदी का उद्गम बूँदी जिले में होता है ।
  • चाकण नदी सवाई माधोपुर में जाकर चम्बल नदी में मिल जाती है ।

बाणगंगा नदी

  • बाणगंगा नदी का उद्गम स्थान बैराठ की पहाड़ियाँ (जयपुर) है ।
  • बाणगंगा का उपनाम अर्जुन की गंगा और ताला नदी है ।
  • जयपुर, दौसा, भरतपुर में बहती हुई उत्तरप्रदेश के फतेहबाद में जाकर यमुना नदी में मिल जाती है ।
  • चम्बल के बाद दूसरी ऐसी नदी जो सीधे यमुना नदी में जाकर मिलती है ।
  • बाण गंगा की लम्बाई 380 किलोमीटर है ।
  • बैराठ सभ्यता इसी नदी के किनारे है ।
  • जयपुर में इस नदी पर रामगढ़ बाँध बना हुआ है ।
  • गुमटी नदी, नाला नदी, सुरी नदी और पलोसन नदी बाणगंगा की सहायक नदियाँ है ।

बंगाल की खाड़ीय नदियाँ के Quiz

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