19.2 मेवाड़ का इतिहास से संबंधित 5 Questions

19.2 मेवाड़ का इतिहास

19.2 मेवाड़ का इतिहास

सिसोदिया वंश

महाराणा हमीर

• महाराणा हमीर 1326 से 1354 तक शासक रहा ।
• हमीर गुहिल वंश का ही था, जिसने जैसा को हरा कर 1326 में सिसोदिया वंश की स्थापना की ।
• हमीर से मेवाड़ के शासको को महाराणा लगाना प्रारम्भ हुआ ।
• इसको मेवाड़ का उद्धारक, वीर राजा और विषम घाटी पंचानन भी कहते है ।
• इसको वीर राजा का नाम महाराणा कुम्भा के रसिक प्रिया टीका में कहा गया ।
• विषम घाटी पंचानन का अर्थ – विकट आक्रमणों में सिंह समान ।
• इसको विषम घाटी पंचानन का नाम कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति में कहा गया ।
• हमीर ने मोहम्मद बिन तुगलक के साथ सिंगोली का युद्ध किया ।
• हमीर के बारे मे जानकारी हमीर मदमर्दन ग्रन्थ से मिलती है, जो जयसिंह सूरि ने लिखा था ।

राणा लाखा

• राणा लाखा का शासन काल 1382 से 1421 तक रहा ।
• राणा लाखा के शासन काल में जावर (उदयपुर) में चाँदी की खान मिली ।
• राणा लाखा के शासन काल में एक चिड़ीमार बणजारे (छितर या बिच्छु) ने उदयपुर में अपने बैल की याद में पिछोला झील का निर्माण करवाया ।
• राणा लाखा ने वृद्धावस्था में मारवाड़ के रणमल राठौड़ की बहन हंसा बाई के साथ सशर्त विवाह किया । इस शर्त के अनुसार हंसा बाई से उत्पन्न पुत्र (मोकल) ही मेवाड़ का शासक बनेगा ।
• लाखा के बड़े पुत्र राणा चुड़ा ने प्रतिज्ञा कि “आजीवन कुँवारा रहूँगा और मेवाड़ का शासक नहीं बनूँगा” । इस कारण राजा चुड़ा को ‘मेवाड़ का भीष्म पितामह’ कहते हैं ।

महाराणा मोकल

• महाराणा मोकल 1421 से 1433 तक शासक रहा ।
• महाराणा मोकल का पिता ‘राणा लाखा’, माता ‘हंसा बाई’ थी ।
• मोकल की हत्या चाचा और मेरा ने की ।
• राणा चुड़ा हंसा बाई शक की वजह से मेवाड़ छोड़कर माण्डु (गुजरात) चला गया ।

कुम्भा

• कुम्भा का शासन काल 1433 से 1468 तक रहा ।
• कुंभा का जन्म 1403 में हुआ ।
• इनके पिता ‘मोकल’ तथा माता ‘सौभाग्य देवी’ थे ।
• इसकी पुत्री का नाम ‘रमाबाई (वागेश्वरी)’ था।
• रमाबाई (वागेश्वरी) संगीत शास्त्र की ज्ञाता थी ।
• कुंभा के गुरू सारंग व्यास थे ।
• इसको ‘स्थापत्य कला / दुर्गों का जनक’ कहते है ।
• श्यामलदास के वीर विनोद ग्रन्थ के अनुसार 84 दुर्गों में से 32 दुर्गों का निर्माण कुम्भा ने करवाया ।
• इसको ‘अभिनव भारताचार्य (भट्टाचार्य), हिन्दू सुरतान, महाराजाधिराज, धीमान, हालगुरू, दानगुरू, छापगुरु, शैलगुरू, अश्वपति’ कहते है ।
• संगीत राज (5 कोष), संगीत मीमांसा, कामराजरतिसार, चण्डीशत, सुड़प्रबन्ध और रसिक प्रिया टीका ग्रंथों की कुम्भा ने रचना की ।
• इसका रसिक प्रिया टीका जयदेव के गीत गोविन्द पर आधारित है ।
• इसने एकलिंग महात्मय ग्रन्थ को लिखना प्रारम्भ किया जिसको पुरा कान्हा व्यास ने किया । (कान्हा व्यास को वैज्ञानिक कवि कहते है ।)
• इसने एकलिंग जी मंदिर का जीर्णोदार (मरम्मत) करवायी ।
• इसके प्रमुख वास्तुकार जैता, कुपा, पुजा, मण्डन और नापा थे ।
• कुंभा की हत्या कुम्भा के ही पुत्र उदा ने कटारगढ़ दुर्ग में की, इस कारण उदा को मेवाड़ का पित्रहन्ता कहते है ।
• इसकी जानकारी 1460 के कुम्भलगढ शिलालेख से मिलती है ।

सारंगपुर का युद्ध

  1. सारंगपुर का युद्ध 1437 में गुजरात में हुआ ।
  2. कुम्भा व मालवा शासक महमूद खिलजी के मध्य हुआ ।
  3. सारंगपुर का युद्ध के युद्ध में विजय कुम्भा की हुई ।
  4. सारंगपुर का युद्ध के विजय के पश्चात् कुम्भा ने चितौडगढ़ दुर्ग में विजय स्तम्भ का निर्माण करवाया ।

विजय स्तम्भ

  1. चितौडगढ़ दुर्ग में महाराणा कुम्भा ने इसका निर्माण 1440 से 1448 तक करवाया ।
  2. इसको कीर्ति स्तम्भ, जय स्तम्भ, हिन्दु देवी देवताओं का अजायबघर, भारतीय मूर्ति कला का विश्व कोष, विक्ट्री टॉवर और विष्णु ध्वज कहते है ।
  3. इसके मुख्य द्वार पर विष्णु की मूर्ति लगी हुई है ।
  4. इसकी ऊँचाई 122 फीट है ।
  5. यह 9 मंजिला है तथा तीसरी मंजिल पर 9 बार अरबी भाषा में अल्ला लिखा है ।
  6. 9 वीं मंजिल बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसका पुनः निर्माण स्वरूप सिंह ने करवाया ।
  7. इसकी 157 सीढ़ियाँ है ।
  8. विजय स्तम्भ राजस्थान पुलिस का प्रतिक चिन्ह है ।
  9. यह राजस्थान की प्रथम इमारत है, जिस पर डाक टिकिट जारी की 15 अगस्त 1949 में किया गया ।
  10. इसका वास्तुकार जैता है ।

आंवला बावला की संधि

  1. आंवला बावला की संधि द्वारा मेवाड़ तथा मारवाड़ की सीमा का निर्धारण हुआ ।
  2. आंवला बावला की संधि महाराणा कुम्भा और राव जोधा के मध्य हुई ।
  3. आंवला बावला की संधि हंसा बाई ने करवाई ।
  4. आंवला बावला की संधि का मुख्य केन्द्र सोजत (पाली) था ।

चम्पानेर की संधि

चम्पानेर की संधि कब हुई ?

चम्पानेर की संधि 1456 में हुई ।
  1. चम्पानेर की संधि 1456 में हुई ।
  2. चम्पानेर की संधि मालवा के शासक महमूद खिलजी तथा गुजरात के कुतुबुदिन शाह के साथ हुई ।
  3. चम्पानेर की संधि मेवाड़ के बँटवारे से सम्बन्धित थी ।

राजस्थान के लोक नृत्यराजस्थान की जनजातियाँराजस्थान के आन्दोलनराजस्थान में 1857 की क्रान्ति, राजस्थान के लोकगीतराजस्थान की प्राचीन सभ्यता, राजस्थान की देवियाँ, चौहानों का इतिहासराजस्थान के त्यौहारराजस्थान की जलवायुराजस्थान के संभागराजस्थान के प्रजामण्डलराजस्थान के लोक देवताRajasthan GK Bookराजस्थान एकीकरणराजस्थान का भौतिक प्रदेश, राजस्थान का सामान्यज्ञानराजस्थान का सामान्य परिचय राजस्थान के GK की प्रश्नोत्तरी

Spread the love

1 thought on “19.2 मेवाड़ का इतिहास”

  1. Pingback: 19.4 मेवाड़ इतिहास के सबसे प्रतापी शासक महाराणा प्रताप - Be Notesi

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *